जब आसमान से बरसीं हजारों AK 47 राइफलें और टनों गोला बारुद…
बेगुसराय: एक लातवियाई मालवाहक एयरक्राफ्ट Anton AN 26 लंदन के Gatwick एयरपोर्ट से चार टन हथियारों के साथ उड़ा कराची में कई दिनों तक रुका और फिर कराची से उड़ कर मुंबई में रिफ्यूएल करा कर बनारस पँहुचा वहाँ से फिर रिफ्यूएलिंग के बाद 17 दिसंबर 1995 की सर्द रात में बंगाल के पुरुलिया जिला स्थित झालदा, खटौंगा, मारामाऊ जैसे गांवों के उपर से उड़ते हुए सारे हथियार गिराए और 18 दिसंबर की सुबह कोलकाता में फिर तेल लेकर सकुशल थाईलैण्ड के फुकेत चला गया। 17 दिसंबर की रात में भारत के अधिकतर राडार सिस्टम मेंटेनेंस के नाम पर बंद कर दिए गए थे। मजे की बात यह है कि जहाज की वापसी का रुट भी वही था। जिसपर 21 दिसंबर को उसकी वापसी के दौरान मिग 21 द्वारा पीछा कर के मुंबई में उतारा गया। इस समय देश में काँग्रेसनीत नरसिंहाराव की सरकार थी। 17 दिसंबर 1995 की रात 17 दिसंबर 1995 की रात इस जहाज द्वारा पुरुलिया जिले में गिराए गए कनसाइनमेंट में कहा जाता है कि 2500 से 5000 एके 47 राइफलें, बारह तेरह सौ एके 56 राइफलें, सैंकड़ों 9mm पिस्टल्स, बारह से पँद्रह लाख राउंड गोलियाँ, सैकड़ों रॉकेट लांचर्स और अनगिनत हैण्ड ग्रेनेड्स जैसे ब्लूचिप हथियार थे। उस सर्द रात में पुरुलिया जिले के उन गांवों के हरेभरे धान के खेतों में इन असलहों की बारिश हुई थी। सुबह अलसाए आँख मलते उठे स्थानीय लोगों ने हैरतनाक खुशी के साथ खेतों में दौड़-दौड़ कर हथियार इकठ्ठे कर के अपने घरों में छिपाए अगल बगल के गांवों से भी लोग हथियारों का प्रसाद पाने आए। इसी हड़बोंग में पुलिस तक खबर पँहुची और दिन के ग्यारह साढ़े ग्यारह बजे तक पुलिस पँहुच पाई और तबतक नाम मात्र के पड़े हथियारों को बरामद किया। बाद में लाऊडस्पीकर से पूरे इलाके में मुनादी कराई गई डोर टू डोर सर्च ऑपरेशन चला और बंगाल पुलिस ने कुल बरामदगी लगभग 300 AK 47 राइफलें,15000 कारतूस,हजार बारह सौ ग्रेनेड्स और कुछ रॉकेट लॉंचर की दिखाई। बाकी के हथियारों का जखीरा हमारे महान देश में सदावर्त की तरह बँट कर सदा के लिए अंतर्ध्यान हो गया। आजीवन कारावास की सजा क्षमादान में बदली जब जहाज को मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया था तो स्थानीय पुलिस लगभग एक घंटे बाद पँहुची थी जिसने 5 लातवियाई नागरिकों और एक ब्रिटिश नागरिक पीटर ब्लीच यानि कुल छह लोगों की गिरफ्तारी दिखाई। इनके बीच का सातवाँ व्यक्ति या मास्टरमाइंड कहिए Neils Holck aka Kim Davy आसानी से हाथ झुलाता ससुरारी चाल में चलता हुआ निकल गया। पकड़े गए लोगों पर कलकत्ता हाईकोर्ट में मुकदमा चला जिसमें सभी छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई। लातवियाई नागरिकों ने भारत के कोलकाता जेल में रहते हुए चमत्कारिक तरीके से रुस की नागरिकता ली और महाबली पुतिन के दवाब पर महामहिम भारतीय राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान के बाद जुलाई 2000 में रिहा कर दिए गए। वैसे ही ब्रिटिश दवाब पर पीटर ब्लीच भी भारतीय राष्ट्रपति के क्षमादान की शक्तियों का बखूबी लाभ उठाते हुए 2004 में रिहा कर दिए गए। इस दौरान देश में भाजपानीत अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार थी। हमारा देश ऐसे ही महानता का दावा नहीं करता अबतक नहीं उठ सका रहस्य से पर्दा BBC की जांच में कहा गया कि पुरुलिया जिले में स्थित आनंदमार्ग के आश्रम के लिए ये हथियार गिराए गए थे. चूंकि बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार द्वारा आनंदमार्गियों का भीषण दमन किया जा रहा था सो उसका विरोध किया जाना था। एक थ्योरी के तहत यह कहा गया कि एक बांग्लादेशी सैन्य अधिकारी भी इसमें शामिल था सो ये हथियार बाँग्लादेश में गिराए जाने थे जो गलती से पुरुलिया में गिरा दिए गए। दूसरी थ्योरी के तहत ये कहा गया कि ये CIA का covert operation था जिसके तहत ये हथियार म्यांमार की कचिन इंडिपेंडेंस आर्मी के लिए भेजे गए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कमोबेश बीबीसी वाली थ्योरी को मानते हुए ही गिरफ्तार छह लोगों को सजा सुनाई थी। सातवाँ जादुई व्यक्ति किम डेवी सकुशल अपने देश डेनमार्क पँहुच गया और उसे वापस लाने की भारत की सारी कोशिशें पानी पर लकीर खींचने सरीखी ही रहीं सो वो कभी भारत नहीं लाया जा सका।एक किताब आई They call me a terrorist किम डेवी ने स्वप्रेरणा से खुलासा किया और एक किताब लिखी They call me a terrorist. डेवी के अनुसार ये षड्यंत्र केंद्र की तत्कालीन काँग्रेस सरकार द्वारा बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए रचा गया था। इसमें RAW और ब्रिटेन की MI 5 शामिल थी और उसे सेफ पैसेज का वादा किया गया था जो पूरा भी किया गया। उसके अनुसार बुल्गारिया से हथियार खरीदे गए थे। डेवी का कहना था कि जहाज जब मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया तो वह रनवे से निकल कर टर्मिनल बिल्डिंग तक आया वहाँ बूथ से उसने दो फोन हांगकांग किए फिर टैक्सी लेकर पुणे चला गया वहाँ एक रात रहा और अगले दिन हवाई जहाज से दिल्ली पँहुच गया। दिल्ली एयरपोर्ट से सांसद पप्पू यादव ने अपनी सरकारी गाड़ी में उसे अपने बँगले पर ला कर रखा वहाँ उससे तत्कालीन सीबीआई डिप्टी डायरेक्टर जे के दत्त मिले और उसे सुरक्षित ट्रेन द्वारा एक छोटे से स्टेशन पर ले जाया गया वहाँ से उसे कार द्वारा नेपाल पंहुचा दिया गया जहाँ से वह वापस डेनमार्क आ गया। डेवी ने टाइम्स नाऊ को दिए गए इंटरव्यू में भी ये ही साफ साफ दुहराया है।Neils Holck उर्फ Kim Davy के 36 उपनाम,15 पासपोर्ट इंटरपोल के मुताबिक Neils Holck उर्फ Kim Davy के तकरीबन 36 उपनाम और लगभग दस सालों में 15 पासपोर्ट रहे थे। इस पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप मामले के सरकारी गवाह रहे मँगला प्रसाद की लाश 5 जनवरी 2014 को बिहार के लखीसराय जिले में स्थित किऊल रेलवे स्टेशन पर पाई गई थी। बिहार चूंकि बंगाल से बिल्कुल सटा हुआ राज्य है सो बेशक गायब हुए हथियारों का एक बड़ा हिस्सा यहाँ प्रचुरता से पँहुचा था।1995 के मई में अशोक सम्राट की मौत तक बिहार में सिर्फ उन्हीं के पास एके 47 रही मानी जाती थी जबकि उसके बाद 97-98 के दौरान हम जैसे लोगों ने भी खूब सुना था कि पचहत्तर अस्सी हजार रुपए में आसानी से बेगूसराय में एके 47 मिल जा रही थी और गोलियों की तो पूछिए ही मत टोकरी भर कर भी उपलब्ध कराने की बात कही जाती थी। उस दौर में 'हे रे मायर सैंतालीस कै छलनी कै देबौ' का डायलॉग बेगूसराय में आम बोलचाल में शामिल हो गया था।और बिहार में उदारता से एके 47 का प्रयोग होने लगा अगले तीन चार सालों में बिहार में उदारता से एके 47 का प्रयोग होने लगा था। 13 जून 1998 को बृजबिहारी हत्याकांड में खुल कर 47 चली गोलियों की बौछार की गई।14 जून 1998 को पूर्णिया के विधायक अजित सरकार को 107 के करीब गोलियां मारी गई। पप्पू यादव, राजन तिवारी, मुन्ना शुक्ला जैसे बाहुबलियों का नाम इनदोनों हत्याकांडों में गूँजा कहते हैं सूरजभान सिंह ने बृजबिहारी हत्याकांड की सफलता से खुश हो कर श्रीप्रकाश शुक्ला को उदारतापूर्वक एके47 उपहार में दिए। NCRB के अनुसार बिहार में हिंसक क्राईम के मामलों में 1996-97-98 के दौरान 14•7℅ का उछाल आया था।1996 में हुए 97000 हिंसक क्राइम 1998 में बढ़कर 1,03,503 हो गए थे। (पुरुलिया कांड पर चंदन नंदी ने The Night Rained Guns नाम से अच्छी किताब लिखी है लेकिन उन्होंने सेफ खेलते हुए बर्मा की कचिन आर्मी वाली थ्योरी के प्रति ही कुछ ज्यादा प्यार दिखाया है। निर्देशक Andreas Koefoed ने इस घटना पर The Arms Drop नाम से फिल्म भी बनाई है जो शायद भारत में प्रतिबंधित है।)