कृषि बाजार समितियों से SDO की छुट्टी करके राजनीतिक कार्यकर्ताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राज्य सरकार बाजार शुल्क वसूलने और इसे प्रशासनिक निगरानी से मुक्त कराने की तैयारी में लग गई है..