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47 दिन से बेटी की बरामदगी न होने पर अखिलेश की कार के सामने कूदी मां, सपा के नेता पर बेटी का अपहरण करने का आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यालय के बाहर उन्नाव की एख महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया। महिला का आरोप है कि सपा सरकार के राज्यमंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के बेटे ने उनकी बेटी को अगवा कर लिया है। राजनीतिक रसूख के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। पीड़िता की तहरीर पर सदर कोतवाली उन्नाव में अपहरण, एससी-एसटी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना सीओ सिटी कर रहे हैं। आरोपियों पर 47 दिन में कार्रवाई न होने से पीड़िता परेशान होकर सपा कार्यालय पहुंची थी। मौके पर मौजूद एसीपी हजरतगंज की टीम ने उसे पकड़ लिया। थाने लेकर गई, जहां पूछताछ के बाद उन्नाव पुलिस से संपर्क कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। आठ दिसंबर को दर्ज कराया था मुकदमा एसीपी हजरतगंज अखिलेश सिंह के मुताबिक, उन्नाव सदर कोतवाली के कांशीराम कालोनी में रहने वाले मुकेश की पत्नी रीता देवी ने आठ दिसंबर को एसपी कार्यालय में तहरीर दी थी, जिसमें आरोप लगाया कि कल्याणी देवी निवासी सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह उर्फ अरुण सिंह ने अपने कई साथियों संग मिलकर उसकी बेटी को अगवा कर लिया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोप है कि पूर्व राज्यमंत्री के बेटे पर आरोप लगने के कारण आरोपियों की गिरफ्तारी में टालमटोल किया जा रहा है। वहीं पीड़िता की बेटी को भी सकुशल बरामद नहीं किया जा सका है। जबकि मुकदमा दर्ज कराए 47 दिन बीत गए हैं। इस मामले की जांच सीओ सिटी उन्नाव कर रहे हैं। पीड़िता उनसे भी कई बार गुहार लगा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे परेशान होकर पीड़िता लखनऊ पहुंची। पीड़िता का आरोप है कि सपा सरकार में मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के बेटे पर आरोप लगने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में वह शाम करीब चार बजे सपा कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने पहुंच गई। छह बार डीएम व पांच बार एसपी से लगाई गुहार पीड़िता का आरोप है कि बेटी को अगवा करने वालो की गिरफ्तारी के लिए जिलाधिकारी से छह बार, एसपी उन्नाव व सीओ सिटी से पांच-पांच बार मिल चुकी है। लेकिन हर बार टालमटोल किया जा रहा है। पीड़िता के मुताबिक इस मामले में स्थानीय विधायक पंकज गुप्ता से तीन बार गुहार लगाई। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि सीओ कई बार उसे बुला चुके हैं। हर बार वह एक सप्ताह का समय मांगते हैं। लेकिन 47 दिन में न तो बेटी बरामद हुई और न ही आरोपी गिरफ्तार हुए।

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