धनबाद जज हत्याकांड: सीबीआइ की विशेष अदालत ने राहुल और लखन पर तय किया हत्या का आरोप
जज उत्तम आनंद की माैत 28 जुलाई की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर 5 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। चर्चित धनबाद न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड में धनबाद की विशेष अदालत में बुधवार को जेल में बंद अभियुक्त राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा के विरुद्ध हत्या व साक्ष्य छुपाने का आरोप तय कर दिया। धनबाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने सीबीआई को गवाह पेश करने का आदेश दिया है इसके पूर्व 24 नवंबर, 2021 को ऑटो चोरी के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध ऑटो चोरी का आरोप तय किया था। 28 जुलाई की सुबह हुई थी मौत जज उत्तम आनंद की माैत 28 जुलाई की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर 5: 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को साैंप दी गई।पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की। इसके बाद 4 अगस्त 21 को सीबीआइ को जांच सौंप दी गई थी। 20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था। अब तक मास्टरमाइंड का पता नहीं बताते हैं कि 28 जनवरी को सीबीआई ने दोनों आरोपी राहुल वर्मा और लखन वर्मा से पूछताछ की इजाजत अदालत से मांगी थी। । कोर्ट को दिए आवेदन में सीबीआई ने कहा था कि अनुसंधान के दौरान कुछ नए लीड मिले हैं जिससे इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई नई जानकारी मिली है। सीबीआई ने कहा था कि यदि इस हत्याकांड में गहरी साजिश है तो पूछताछ में कुछ नया तथ्य सामने आ सकता है । सीबीआई की दलील सुनने के बाद अदालत ने 29जनवरी से 31 जनवरी तक जेल में दोनों आरोपियों से पूछताछ की इजाजत दी थी। कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई ने दोनों आरोपियों से जेल में गहन पूछताछ भी की थी वही इसके पूर्व दो बार सीबीआई दोनों आरोपियों का नारको टेस्ट भी करा चुकी है परंतु अब तक सीबीआई हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता नहीं लगा पाई है