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कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार विधानसभा चुनाव में बड़े स्तर पर प्रचार नहीं किए जा रहे हैं.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Covid-19) के संक्रमण के चलते इस बार विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बड़े स्तर पर प्रचार नहीं किए जा रहे हैं. चुनाव आयोग (EC) ने बड़ी रैलियों और रोड शो पर पाबंदिया लगा रखी है. लेकिन अब खबर है कि अब आयोग चुनाव प्रचार को लेकर लगी पांबदियों में ढील दे सकता है. वजह है देश में कोरोना के संक्रमण में तेजी से आ रही कमी और वैक्सीन के मोर्चे पर बेहतर हालात… कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग आज चुनाव प्रचार में कुछ ढील देने का ऐलान कर सकता है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के पहले फेज यानी 10 फरवरी से पहले पार्टियों को बड़े स्तर पर प्रचार का मौका मिल सकता है. फिलहाल प्रचार के दौरान 1000 से ज्यादा लोगों को एक साथ आने की इजाजत नहीं है. लेकिन कहा जा रहा है कि आयोग फिजिकल रैली के दौरान खुले मैदान में क्षमता के हिसाब से कुछ ज्यादा लोगों को आने की इजाजत दे सकता है. अधिकारियों के मुताबिक किसी मैदान पर क्षमता के मुताबिक 30 से 50 परसेंट लोगों को जमा करने की छूट दी जा सकती है. आयोग ने हालात का लिया जायजा अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर की शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक हुई थी. इस दौरान देश में कोरोना के मौजूदा हालात और वैक्सीन को लेकर चर्चा की गई. आयोग को संक्रमण दर और लोगों के हॉस्पिटल में भर्ती होने की दर के बारे में बताया गया. लिहाजा आयोग मौजूदा हालात से संतुष्ट है और ऐसे में चुनाव प्रचार में लगी पाबंदियों में छूट का ऐलान किया जा सकता है. कम हो रहे हैं कोरोना के केस बता दें कि देश भर में इन दिनों हर रोज़ औसतन डेढ़ लाख से कम केस आ रहे हैं.पॉजिटिविटी रेट भी 8 फीसदी से कम है. अचछी बातच ये है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां से लगातार कम केस आ रहे हैं. साथ ही इन राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है. उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,555 नये मामले सामने आए और17 संक्रमितों की मौत हुई.

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