अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन की छत से मौत की छलांग लगाने वाली पंजाब की युवती नहीं बची जान

नौकरी छूटने से निराश एक दिव्यांग (मूक-बधिर) युवती अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या करने के लिए चढ़ गई। मेट्रो स्टेशन पर मौजूद लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन युवती ने 40 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। इसी बीच ‘देवदूत’ बनकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के जवान मौके पर पहुंच गए और कंबल तानकर युवती को उसमें ले लिया, लेकिन घटना में युवती को गंभीर चोटें आईं। इससे करीब 14 घंटे तक जीटीबी अस्पताल में संघर्ष करने के बाद उसकी मौत हो गई। युवती का नाम दिया है और वह पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली है।

अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआइएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेश बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे घर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि एक युवती स्टेशन के प्लेटफार्म दो की दीवार (स्टेशन के बाहर की ओर)पर खड़ी है। आसपास के लोग उसे उतरने के लिए आवाज लगा रहे हैं। उन्होंने इसकी सूचना शिफ्ट इंचार्ज एसआइ हीराराम समेत स्टेशन से जुड़े अन्य लोगों को दी। तत्काल सभी हरकत में आ गए। सीआइएसएफ जवानों ने भी युवती को दीवार से उतरने के लिए आवाज लगाई, लेकिन उसने कुछ नहीं सुना। उन्हें अहसास हुआ कि युवती सुन नहीं पा रही। फिर उन्होंने इशारे से उसे उतरने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं मानी। इसी दौरान कुछ जवानों ने सजगता दिखाते हुए तत्काल कंबल का इंतजाम किया और दीवार के नीचे पांच-छह लोग कंबल को फैलाकर खड़े हो गए। युवती ने जैसे ही दीवार से छलांग लगाई, जवानों ने तत्काल कंबल युवती की तरफ कर दिया। इससे युवती उस कंबल पर गिर गई, लेकिन गिरते वक्त जोरदार झटके से युवती जमीन से भी टकरा गई। उपचार कर रहे डाक्टरों का कहना है कि युवती के शरीर में कई जगह हड्डियां टूट गई थीं, अंदरूनी अंगों में खून का रिसाव हो गया था। इसकी वजह से उसकी मौत हो गई।