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प्रभात फेरी और नृत्य संगीत के साथ बंगाली समुदाय ने मनाया पोइला बैसाख,

धनबाद कोयलांचल में निवास करने वाले बंगाली समुदाय से जुड़े लोगों ने धूमधाम से नववर्ष पॉयला बैसाख का स्वागत किया। धनबाद के जेसी मल्लिक रोड, दुर्गा मंदिर हीरापुर एवं लिंडसे केलब से प्रभात फेरी निकाली गई। संगीत और मधुर गायन से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। बच्चे महिलाएं पुरुष अपने पारंपरिक परिधान में नए वर्ष का स्वागत करते नजर आए। स्थनीय विधायक राज सिन्हा भी प्रभात फेरी में पहुंचे और लोगों को नए वर्ष पोइला बैसाख की बधाई दी।
एक-दसूरे को गले मिलकर नए साल की देते हैं शुभकामनाएं
बंगाली समुदाय के लिए बैसाख का पहला दिन बहुत महत्व रखता है। इस दिन बंगाली समुदाय के नए साल की शुरुआत होती है। बंगाल में इसे पोइला बोइशाख के नाम से जाना जाता है। ये त्योहार 15 अप्रैल के दिन मनाया जाता है। इस दिन बंगाली लोग एक-दसूरे को गले मिलकर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। जिसमें वो शुभो नोबो बोरसो कहते हैं। इसका अर्थ ‘नया साल मुबारक हो’ होता है।
घरों में तैयार किए जाते हैं पारंपरिक व्यंजन
बता दें कि इस दिन पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। इतना ही नहीं, इस दिन घरों में पारंपरिक व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं। इस दिन घरों में प्याज, हरी मिर्च और फ्राइड हिल्सा फिश खाते हैं। इसे पांत भात भी कहा जाता है। इस दिन रसोगुल्ला, मांस, मछली, कई प्रकार के छेने की मिठाइयां आदि भी मेहमानों के सामने परोसी जाती है।प्रभात फेरी में शामिल ने किस तरफ पोइला वैसाख को सेलिब्रेट किया सुनाते हैं हम आपको।

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