धनबाद (Dhanbad)बिहार जनता खान मजदूर संघ के महामंत्री रणविजय सिंह ने खास बातचीत करते हुए अपने मजदूर यूनियन और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बारे में विस्तार से बताया है..
खास बातचीत में मजदूर नेता सह वरीय कांग्रेस नेता रणविजय सिंह ने बताया कि 19 साल बाद वे पहली बार मजदूर यूनियन से राजनीति मैदान के अखाड़े में उतरने को तैयार हैं ..उनकी बिहार जनता खान मजदूर संघ की स्थापना 1983 में उनके पिता मजदूर नेता स्वर्गीय सकलदेव सिंह ने किया था ,आज उनकी यूनियन कोल इंडिया के कई इकाई में फैला हुआ है ..और यूनियन में इस वक्त 24हजार सक्रिय सदस्य है। कोयलांचल धनबाद के बीसीसीएल एरिया 01 से 05 में उनके यूनियन का खास वर्चस्व है ..चर्चित युवा मजदूर नेता रणविजय सिंह ने बताया कि विरोधियों के लिए वे आक्रामक तेवर रखते हैं लेकिन जनता के लिए हमेशा नरम और मददगार स्वभाव रहा है ..उन्होंने यहां तक कहा कि चैलेंज लेना हमारा फितरत है, मेरे खून में है और वह चुनाव लड़ने को हमेशा तैयार हैं ..हाल ही में प्रमोद सिंह हत्याकांड में 19 साल बाद आए फैसला पर राहत जताते हुए कहा कि इस मामले में सीबीआई ने ही उन्हें फंसा दिया था बावजूद उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था और इस मामले में 06आरोपी सहित सभी को बाइज्जत बरी किया गया.. रणविजय सिंह ने अपनी राजनीतिक इक्छा के बारे में बताया कि वह 2024 के विधानसभा चुनाव में बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं ..वैसे आला नेतृत्व के आदेश पर धनबाद या बाघमारा क्षेत्र जहां से भी चुनाव लड़ने को कहा जाए वे चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने ख़ास बातचीत में यह भी बताया कि बिहार जनता खान मजदूर संघ और जनता मजदूर संघ के आपस में मिलना धनबाद के लिए अच्छा है.. क्योंकि दोनों यूनियन एचएमएस से संबद्ध है साथ ही सिंह मैंशन से उनके परिवार की पुरानी अदावत अब समाप्त हो गई है ..उनके पिता स्वर्गीय सकलदेव सिंह और मजदूर नेता स्वर्गीय सूरजदेव सिंह भी कभी साथ साथ थे और नई युवा पीढ़ी भी इसे समझती है।कोई विवाद नहीं चाहता. कड़वाहट भूल कर अब हम सब साथ साथ हैं ..जमसं नेता मनीष सिंह भी नई जनरेशन के हैं और हम दोनों ने मिलकर आगे कदम बढ़ाया
है ..धनबाद में हत्या की राजनीति गैंगवार और कोलियरी में खून खराबा के मसले पर भी उन्होंने अपनी राय रखी.. साथ ही कोयला आउटसोर्सिंग क्षेत्र में नियोजन और रंगदारी के मुद्दे पर भी खुलकर अपना राय रखा ..उन्होंने कहा कि कुछ नेता माफिया मिटाने की बात करते हैं लेकिन खुद विकास वाली सोच पैदा नहीं करते ..माफियाओं पर नकेल कसने का काम पुलिस का है किसी नेता का नहीं… वे विकास की सकारात्मक राजनीति पर भरोसा रखते हैं …और विकास की “राजनीति” और राजनीति में “समाज सेवा” को ही अपना आदर्श चरित्र मानते हैं …उन्होंने बातचीत में बताया कि लक्ज़री गाड़ियों को रखना उनकी शौक़ में शामिल है जबकि एजपीजी की वीवीआईपी सुरक्षा के तर्ज़ पर हाईटेक निजी सिक्योरिटी गार्ड रखना उनकी ख़ुद की पहल है जिसे अब धनबाद के दूसरे लोग अपना रहें है..वे सुरक्षा को लेकर सरकार पर निर्भर रहने के बजाय खुद पर भरोसा ज़्यादा करते है। इसलिये आज तक पुलिस सुरक्षा नहीं लिया.. वे अपने तरीके से जीते हैं ..उन्होंने बताया कि मजदूरों के हक व अधिकार के लिए वे हमेशा संघर्ष करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे…
