बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात ‘असानी’ रविवार शाम को अधिक तीव्र होकर एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया. ऐसा इसके उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तटों की दिशा में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण हुआ. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक मंगलवार को ‘असानी’ के उत्तर आंध्र-ओडिशा तटों से पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंचने के बाद उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने की आशंका है. मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, इसके बाद गंभीर चक्रवाती तूफान के बुधवार को भयानक चक्रवाती तूफान में बदलने और गुरुवार तक गहरे दबाव में बदलने की आशंका है. असनी के कारण तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के प्रभावित होने की आशंका है, इसलिए तीनों राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है.
चक्रवाती तूफान असानी का झारखंड में आंशिक असर होगा. तूफान देश में किसी तटवर्ती इलाके से नहीं टकरा रहा है. इस कारण इसका व्यापक असर नहीं होने की संभावना है. आंध्रप्रदेश से होते हुए ओड़िशा के समुद्री इलाके से तूफान का रुख बदलने की संभावना है. तूफान बंगाल की ओर जा रहा है. वहां पहुंचने पर यह काफी कमजोर हो रहा है. इस कारण बंगाल में कुछ असर रहेगा.
वहीं झारखंड के पूर्वी हिस्से (संताल परगना), कोल्हान के साथ-साथ रांची के भी कुछ इलाकों में इसका आंशिक असर पड़ेगा. यहां 11 से 13 मई तक असर रह सकता है. इस दौरान आकाश में बादल छाये रह सकते हैं. कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है. 14 मई से इसका असर खत्म हो सकता है.
मौसम केंद्र, रांची के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि चूंकि यह किसी भी राज्य के तट से नहीं टकरा रहा है, इस कारण इसका अधिक असर नहीं रहेगा. आकाश में बादल छाये रहने की संभावना है. वहीं तापमान में गिरावट हो सकती है.
11 मई के लिए चेतावनी जारी
अभी झारखंड के जिलों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेसि से नीचे चल रहा है. मौसम केंद्र ने 11 मई को राज्य के दक्षिण, पूर्वी-मध्य तथा उत्तर-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ वज्रपात की चेतावनी जारी की है. इस दौरान हवा की गति 30 से 40 किमी प्रति घंटे हो सकती है. सभी जिलों का अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री सेसि के बीच हो सकता है.क्या होगा अगले चक्रवात का नाम?
असानी के बाद बनने वाले चक्रवात को सितारंग कहा जाएगा, जो थाईलैंड द्वारा दिया गया नाम है. बता दें कि चक्रवातों की तीव्रता अलग-अलग होती है जिसका उसके नाम से कोई लेना देना नहीं होता. उदाहरण के लिए, चक्रवात गुलाब ने सितंबर 2021 में उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण तटीय ओडिशा पर भारी बारिश के साथ-साथ भारी बारिश की बौछार की थी. वहीं, मई 2020 में आए चक्रवात अम्फान ने 80 लोगों की जान ले ली और ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में तबाही मचा दी थी.
