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हेमंत सरकार के एक और विधेयक को राज्यपाल ने वापस लौटाया

रांची. राजपाल रमेश बैस ने मंगलवार को झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 लौटा दिया है. विधानसभा से पारित इस विधेयक के कानून बनने से कृषि उपज पर दो फ़ीसदी कृषि बाजार समिति टैक्स लगना था. बजट सत्र में सरकार ने इस विधेयक को पारित कराने के बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा था.

राजपाल ने विधायक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में भिन्नता होने का हवाला देते हुए सरकार को वापस भेज दिया और कहा है कि विधेयक की हिंदी व अंग्रेजी संस्करण की विसंगतियों को सुधार कर फिर से प्रकाशित करें और उसके बाद उसे विधानसभा में पारित कराकर उनकी सहमति प्राप्त करने के लिए भेजें. बता दें, इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में खरीदारों से 2 फ़ीसदी कृषि बाजार समिति टैक्स लेने की व्यवस्था भी है.
मॉनसून सत्र में सरकार को 4 विधेयक फिर से कराने होंगे पास
1.विधायक से व्यापारी भी नाराज विधेयक में खरीदारी से 2 फ़ीसदी कृषि बाजार टैक्स देने की व्यवस्था की गई है इसको लेकर व्यापारी नाराज हैं वहीं भाजपा ने भी इस पर आपत्ति जताई थी विधानसभा में विधायक पर संशोधन का प्रस्ताव रखा था पर मंजूर नहीं हुआ था.
2. कब तक लागू होगा वर्तमान स्थिति में यह विधेयक सितंबर से पहले लागू होने की संभावना नहीं है विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त सितंबर की अवधि में होता है इसीलिए इससे पहले विधानसभा से इस विधेयक पर फिर से मंजूरी लेना संभव नहीं दिखता है यानी कृषि बाजार समिति ट्रैक्स अभी लागू नहीं होगा.
3. आगे क्या सरकार के पास संशोधन करने या त्रुटियों को सुधारने के अलावा कोई विकल्प नहीं है हालांकि 2% कृषि बाजार टैक्स वसूलने के प्रस्ताव पर ना तो राज्यपाल ने आपत्ति जताई है और ना ही सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर कुछ कहा गया है ऐसे में इस मुद्दे पर आगे भी गतिरोध बनारह सकता है.

 

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