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धनबाद के SNMMCH में पूरी रात एंबुलेंस का इंतजार, चली गई जान

धनबाद : बारह घंटे एंबुलेंस का इंतजार करते रहे. एंबुलेंस नहीं मिला और बीमार बुजुर्ग निढाल हो गए. अंतत: जान चली गई. यह दुखद कहानी है, जिले के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी SNMMCH की. बुजुर्ग का नाम है वासेपुर निवासी सफीक अंसारी.

डॉक्टर भी आग्रह करते रहे, फर्क नहीं पड़ा
सफीक के भाई मो. रफीक ने बताया कि मरीज को गंभीर हालत में 18 मई की रात SNMMCH की इमरजेंसी में ले गए थे. मरीज की किडनी खराब थी और लीवर में शिकायत थी.अचानक मरीज बेहेशी की हालत में पहुंच गया. डॉक्टरों ने रिम्स, रांची रेफर कर दिया. रात 10 बजे मरीज को रेफर किए जाने के बाद से परिजन पूरी रात एंबुलेंस सेवा 108 से संपर्क करते रहे, लेकिन हर बार एंबुलेंस खाली नहीं होने की जानकारी दी जाती रही. मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों से भी बात कराई. डॉक्टरों ने भी मरीज की गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए एंबुलेंस भेजने का आग्रह किया, इससे भी फर्क नहीं पड़ा. परिजनों से कहा गया कि किराया देकर जहां ले जाना है, ले जाइए, एंबुलेंस अभी खाली नहीं है. सुबह तक एंबुलेंस नहीं मिला. तब तक मरीज की हालत काफी बिगड़ चुकी थी और डॉक्टरों ने भी कहीं ले जाने लायक नहीं बताया. बीमार मरीज को इमरजेंसी में भर्ती कर लिया गया. 21 शाम को सफीक अंसारी की मौत हो गई.

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