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धनबाद में फांकाकशी में दिन गुजार रही है अंतरराष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज सुलेखा कुमारी

 

12 मेडल जीतने के बाद भी आब तक है बेरोजगार,नहीं मिली सरकार की ओर से कोई सुविधा

कहा : यही हालात रही तो वह जल्द ही छोड़ देगी खेलना

धनबाद महुदा की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज सुलेखा सिंह ने सरकार से रोजगार देने की गुहार लगाई है। सुलेखा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड के लिए एक दर्जन से अधिक पदक जीतने के बाद भी सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली।उन्होंने कहा कि यही हालात रहे तो वह जल्द ही खेलना छोड़ देगी। धनबाद में अंतरराष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज सुलेखा कुमारी ने राज्य के लिए कई नेशनल मेडल जीते, लेकिन धनबाद में बेहतर सुविधा नहीं मिलने की वजह से दुमका में ट्रेनिंग लेनी पड़ रही है। सुलेखा ने चीन के शंघाई में आयोजित इंटरनेशनल यूथ तीरंदाजी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले दो साल से लॉकडाउन में उसकी प्रैक्टिस भी पूरी तरह से बंद हो गयी है। सुलेखा का कहना है कि सरकार मेरे जैसे खिलाड़ियों को रोजगार देने की दिशा में योजना बनाए।
महुदा में ट्रेनिंग सेंटर खोलने की उठाई मांग
सुलेखा ने कहा कि वह सरकार से मांग करती है कि महुदा में एक ट्रेनिंग सेंटर खोला जाए। वह अपने अनुभव का लाभ आसपास के खिलाड़ियों को देना चाहती है। यहां कोई सुविधा नहीं है। ट्रेनिंग सेंटर में बतौर कोच भी अगर नौकरी मिल जाए तो मेरा जीवनयापन आसानी से हो जाएगा। सुलेखा ने कहा कि अभी डिगवाडीह में ट्रेनिंग सेंटर चलता है लेकिन उतनी दूर जाना संभव नहीं है।
पिता के साथ पकौड़े तल चुकी है सुलेखा
रोजगार नहीं मिलने की वजह से सुलेखा अपने पिता की दुकान पर पकौड़े भी तल चुकी है, लेकिन सरकार का ध्यान कभी नहीं गया। सुलेखा ने कहा कि वह चाहती है कि रोजगार मिल जाए तो अपने खेल को वह जारी रख सकती है। कोरोना की वजह से भी उनका खेल बहुत हद तक प्रभावित हुआ है।
सुलेखा सिंह की उपलब्धि
– यूथ वर्ल्डकप टूर्नामेंट: 2013 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए चीन खेलने गई थीं।
– मिनी नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप-2009: एक गोल्ड
– मिनी सबजूनियर नेशनल आर्चरी-2010: एक गोल्ड
– जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप-2011: एक गोल्ड, दो सिल्वर, एक ब्रांज मेडल
– सबजूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप-2010: गोल्ड

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