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सरकारी स्कूल में सोता रहा 5 साल का मासूम, ताला बंद कर चलते बने टीचर

पलामू के सरकारी स्कूल में बच्चे को बंद करने के मामले में सीडब्ल्यूसी ने संज्ञान लिया है. प्रिंसिपल और शिक्षक के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछताछ की जाएगी.

 अक्सर कहा जाता है कि घर में बच्चों की देखरेख उसके अभिभावक करते हैं, जबकि स्कूल में बच्चों की देखरेख की जिम्मेवारी शिक्षकों की होती है, लेकिन पलामू में एक मामला सामने आया है, जहां स्कूल के शिक्षकों की घोर लापरवाही देखी गयी है. नावाबाजार थाना क्षेत्र की कुंभीकला पंचायत के महुंगाई उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही के कारण एक पांच वर्षीय बच्चा पहली कक्षा में सोता रहा और शिक्षक स्कूल बंद कर चलते बने. हालांकि खोजबीन के बाद क्लास में बेहोश पड़े बच्चे का इलाज कराया गया है. बीइइओ रामानंद सिन्हा ने बताया कि घटना की जांच के लिए टीम गठित की गयी है.

नींद खुलने पर शाम में रोने लगा अमित तो पता चला
शाम को नींद खुलने के बाद अमित रोने-चिल्लाने लगा तो गांव के लोग स्कूल के पास पहुंचे। स्कूल का ताला तोड़ा गया तो वह अंदर में काफी डरा-सहमा मिला। उसकी हालत खराब थी। उसे डाक्टर के पास ले जाया गया। डाक्टर ने कुछ दवाई दी। अब पूरी तरह ठीक है। वह काफी डर गया था।

हेडमास्टर ने कहा- अब दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सत्येंद्र राम ने बताया कि वे शनिवार को विद्यालय में नहीं थे। जिसके दौरान यह घटना घटी। भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसका खयाल रखा जाएगा। दूसरी तरफ ग्रामीणों ने घटना के लिए प्रधानाध्यापक राम की लापरवाही को जिम्मेवार बताया है। उनका कहना है कि वह विद्यालय कभी रहते ही नहीं हैं।

सीडब्ल्यूसी ने लिया संज्ञान: सीडब्ल्यूसी के सदस्य धीरेंद्र किशोर ने बताया कि पूरा मामला गंभीर है और इस मामले में सीडब्ल्यूसी ने संज्ञान लिया है. प्रिंसिपल और स्कूल के शिक्षकों को नोटिस जारी की जा रही है.

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