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3 महीने तक नाबालिग का हुआ गैंगरेप, ढूंढने की बजाय सोती रही पुलिस

गैंगरेप का ये मामला झारखंड के बोकारो का है. पीड़ित 19 जुलाई को आरोपियों के चंगुल से निकल कर अपने घर पहुंची. नाबालिग के बोकारो महिला थाना पहुंचने के बाद ये मामला सामने आया. पुलिस फिलहाल केस की पड़ताल में लगी है.

 बोकारो. झारखंड से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. जरिडीह की रहने वाली 9वीं की छात्रा से तीन युवकों ने तीन महीने तक गैंगरेप किया. इस दौरान जब नाबालिग ने विरोध करना चाहा तो उसके साथ मारपीट की जाती थी. पीड़ित 19 जुलाई को आरोपियों के चंगुल से निकल कर अपने घर पहुंची. रविवार को आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद नाबालिग बोकारो महिला थाना पहुंची तब मामला सामने आया.

पीड़िता के परिजनों ने नाबालिग की गुमशुदगी की लिखित शिकायत जारीडीह थाने में दर्ज करायी थी लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी रही और नाबालिग के आने का इंतजार करती रही. जब परिजन थाने गए तो बेटी को खुद खोज लेने की भी बात कही. पीड़िता ने आपबीती बताते हुए कहा कि गैंगरेप के दौरान उसे बेरहमी से पीटा जाता था. पीड़िता के बयान पर महिला पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत गैंगरेप की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की.

इस मामले में मनोज कुमार, विष्णु कुमार और मंतोष कुमार को आरोपी बनाया गया है. परिवार के मुताबिक 20 अप्रैल को पीड़िती घर से कपड़ा खरीदने बहादुरपुर आई थी. इसी दौरान जब वह कपड़ा खरीद कर घर लौट रही थी उसी तरह मंतोष जो ऑटो लेकर गया था. तीनों ने मिलकर उसे ऑटो में बैठाया और उसका मुंह बांध दिया. सभी उसे उठाकर पिंडराजोरा थाना क्षेत्र के तेलीडीह स्थित फोरलेन में ले गये और एक कमरे में बंद कर दिया.

लगातार उसके साथ तीनों ने बारी-बारी तीन महीने तक गैंगरेप किया. जब आरोपी कमरे से बाहर निकलते थे तो उसका मुंह बांधकर बाहर से कमरे में ताला लगा दिया जाता था. ये लोग पीड़िता को बाहर से खाना लाकर भी खिलाते थे. 19 जुलाई को पड़ोस की रहने वाली महिला ने पीड़िता को देखा और उसके बाद ताला तोड़कर उसे बाहर निकाला और परिजनों को इसकी सूचना दी. पीड़िता के पास उसका मोबाइल भी था लेकिन उसके मोबाइल को आरोपियों ने तोड़ डाला था.

पीड़िता और उसके परिजनों की सूचना के बाद जरूरी जारीडीह थाना मौके पर जरूर पहुंची लेकिन सिर्फ घटनास्थल का मुआयना कर वापस लौट गई और पीड़िता के मां को कहा कि लड़की मिल गई है. घर जाएं मामला दर्ज करने से कोई फायदा नहीं होगा. इसके बाद महिला थाने में आकर मामला न्याय के लिए दर्ज कराया है, पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है. पुलिस मेडिकल के बाद न्यायालय में 164 का भी बयान दर्ज कराने वाली है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच करने की बात भी कह रही है.

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