धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच का हाल बेहाल है. यहां नवजात की जान साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. एक छोटी सी लापरवाही की वजह से लगातार नवजात की जान जा रही है. SNMMCH मे वेंटिलेटर न मिलने से एक नवजात ने दम तोड़ दिया. हालांकि लगातार हो रही लापरवाही के बाद स्वास्थ विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया और कई दिशा निर्देश दिए.
धनबाद: SNMMCH में वेंटिलेटर नहीं मिलने पर एक नवजात ने दम तोड़ दिया. बच्चे के परिजनों का आरोप है कि धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था के कारण उनके बच्चे की जान गई है. लगातार अस्पताल में लापरवाही की सूचना के बाद स्वास्थ विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने गुरुवार को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया और प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
जानकारी के अनुसार, गोविंदपुर थाना क्षेत्र के खिलकनाली गांव के निधु गिरी की बेटी ने सीएचसी में एक शिशु को जन्म दिया. महिला का आरोप है कि डॉक्टर और नर्स की लापरवाही के कारण बच्चा जन्म लेने के बाद नहीं रोया सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां बच्चे को ऑक्सीजन लगाया गया, लेकिन सुधार न होने पर वेंटिलेटर पर रखा गया. चार दिन के इलाज में परिजनों के सारे पैसे खत्म हो गए. जिसके बाद नवजात को SNMMCH में भर्ती कराया लेकिन, वहां मौजूद एक मात्र वेंटिलेटर भी काम नहीं कर रहा था जिसके कारण डॉक्टरों ने परिवारजनों को रिम्स ले जाने की सलाह दी. लेकिन नवजात ने रास्ते में ही अपना दम तोड़ दिया.डॉ अरुण कुमार बर्णवाल, अधीक्षक एसएनएमएमसीएचबच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार से गुहार लगाई है कि है कि जो घटना उसके बच्चे के साथ हुई वह किसी और के साथ ना हो, इसलिए जल्द से जल्द एसएनएमसीएच में वेंटिलेटर की व्यवस्था करवाई जाए. इस मामले में जब अस्पताल अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर की सुविधा उनके अस्पताल में है खराब नहीं है. लेकिन सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन से उसका कनेक्शन नहीं होने की वजह से अभी यह सुविधा बहाल ही नहीं हो पाई है. हालांकि बहुत जल्द इस मसले का समाधान किया जाएगा. जिले के इस अस्पताल में ना ही सिर्फ धनबाद जिले के मरीज आते हैं बल्कि आस-पड़ोस के बाकी जिले गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा, देवघर, जामताड़ा, बोकारो जिलों के भी मरीज भारी संख्या में पहुंचते हैं.
