भारतीय नोट से तस्‍वीरें हटाने और लगाने का क्‍या है नियम-कानून, कौन लेता है इसका फैसला?

 दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय करेंसी पर देवी-देवताओं की फोटो छापने का बयान देकर राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. विपक्ष इसे राजनीतिक बयान बता रहा है तो आम आदमी पार्टी इस बयान के बचाव में तमाम दलीलें दे रही है.ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारतीय करेंसी पर फोटो छापने को लेकर देश में क्‍या नियम-कानून है और कौन इसका फैसला लेता है.
इस बारे में कमोडिटी एक्‍सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि वैसे तो देश में सभी तरह की नोट छापने का फैसला आरबीआई ही लेता है, लेकिन इसमें केंद्र सरकार की भी सहमति होती है. नोट की तरह उस पर किसी फोटो छापी जाएगी इसका फैसला भी रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार का संयुक्‍त पैनल मिलकर लेता है. रिजर्व बैंक के एक्‍ट में नोट पर फोटो छापने को लेकर बाकायदा कानून बनाया गया है.
क्‍या कहता है नियम

रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में बताया था कि आरबीआई एक्‍ट 1934 के सेक्‍शन 25 के तहत केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार मिलकर नोट और उस पर तस्‍वीर छापने का फैसला करती है. इसमें कोई बदलाव करना है तो भी दोनों का संयुक्‍त पैनल ही इस पर फैसला करता है. हालांकि, नोट पर तस्‍वीर छापने का फैसला नियमों से ज्‍यादा राजनीति से प्रेरित होता है और इसमें केंद्र सरकार का ही ज्‍यादा हस्‍तक्षेप रहता है.
आसान नहीं नोट से गांधीजी की तस्‍वीर हटाना
यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनेता ने भारतीय करेंसी राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर हटाने की बात कही है. इससे पहले मोदी सरकार ने साल 2016 में भी महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर के बदले डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्‍वीर लगाने की बात कही थी, लेकिन बाद में इस फैसले को टाल दिया था.
साल 2022 के जून में भी आरबीआई ने नोट पर गांधीजी की तस्‍वीर के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम का वाटरमार्क लगाने की बात कही थी. इसके लिए आईआईटी दिल्‍ली को डिजाइन बनाने के लिए भी कहा गया है. साल 2017 में बनाई गई आरबीआई की एक समिति ने भी नोट पर गांधीजी की तस्‍वीर के अलावा अन्‍य सुरक्षा मार्क लगाने की बात कही है और समिति ने 2020 में अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है.
गांधी जी से पहले थी किसकी तस्‍वीर
भारतीय नोटों पर गांधीजी की तस्‍वीर छापने का सिलसिला साल 1966 से शुरू हुआ. इससे पहले राष्‍ट्रीय प्रतीक अशोक स्‍तंभ को नोटों पर छापा जाता था. इस तस्‍वीर के अलावा नोट पर रॉयल बंगाल टाइगर्स, आर्यभट्ट उपग्रह, खेती, शालीमार गार्डन जैसी तस्‍वीरें भी छापी जा चुकी हैं. इसके अलावा 20 रुपये के नोट पर कोनार्क मंदिर, 1000 रुपये के नोट पर बृहदीश्‍वर मंदिर और 5000 रुपये के नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया की तस्‍वीर छापी जाती थी.यह कैरीकेचर नहीं…गांधीजी की असली तस्‍वीर
आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि भारतीय करेंसी पर छपी गांधीजी की फोटो कोई पोट्रेट नहीं, बल्कि यह राष्‍ट्रपिता की असली तस्‍वीर है. नोट पर नजर आ रही यह तस्‍वीर साल 1946 में राष्‍ट्रपति भवन के सामने खींची गई थी, तब यह वायसरॉय का आवास हुआ करता था. देश में नासिक, देवास, मैसूर और सालबोनी में नोटों की छपाई का काम होता है. महात्‍मा गांधी की तस्‍वीर पहली बार 100 रुपये के नोट पर छापी गई थी…. मधुर शर्मा आरटीआई कार्यकर्ता ‼️