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 सबैजोर में युवक की हत्या मामले में 48 घंटे में खुलासा, हत्यारा गिरफ्तार

मधुपुर थाना क्षेत्र के सबेजोर गाँव में सड़क किनारे गड्ढे में मिली बचौली तुरी की मौत की गुत्थी सुलझ गयी है।पुलिस ने 48 घंटे में मामले का उदभेदन कर सबैजोर गाँव के सरलु रवानी को गिरफ्तार कर लिया है ।आरोपी ने बचौली तुरी की हत्या रस्सी से गला घोंट कर करने के बाद शव को गड्ठे में फेक देने की बात स्वीकार कर ली है ।पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त रस्सी भी पुलिस ने बरामद कर लिया है । मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है ।पुलिस हर विन्दु प२ जाँच कर रही है ।
देवघर: भाजपा नेता बाबुलाल मरांडी ने डीसी मंजूनाथ भजंत्री को कहा झामुमो का प्रवक्ता, डीसी ने दिया जवाब- अधिकारी सिर्फ संविधान और कानून के प्रति प्रतिबद्ध

झारखंड के भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के एक सार्वजनिक मंच पर दिए गए बयान के वीडियो को ट्वीटर पर जारी करते हुए डीसी को झामुमो का प्रवक्ता बता दिया। वहीं डीसी पर लगे आरोप के बाद जब इस बाबत डीसी से बात की गई तो उन्होंने इसे बकवास आरोप करार दिया। यह कोई पहला अवसर नहीं है जब देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को भाजपा नेताओं ने टारगेट किया है। इसके पहले स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे भी लगातार डीसी पर निशाना साधते रहें हैं। अब सवाल यह उठता है कि एक आईएएस अधिकारी के पीछे भाजपा के नेता क्यों पड़े हुए हैं? जानते हैं आईएएस अधिकारी बनाम झारखंड के भाजपा नेताओं के बीच तकरार की पूरी कहानी।

कौन हैं आईएएस मंजूनाथ भजंत्री?
आईआईटी-बॉम्बे से बी.टेक स्नातक और कर्नाटक के एक विनम्र ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले मंजूनाथ भजंत्री झारखंड कैडर के 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मंजूनाथ भजंत्री ने आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया है एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2011 बैच में चयनित होने से पूर्व 2010 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं। उन्हें 2020 के अंत में झारखंड में सेवा करने के लिए लौटने से पहले केंद्र सरकार के रेल राज्य मंत्री के निजी सचिव और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्त किया गया था। भजंत्री को देवघर के उपायुक्त और जिला चुनाव अधिकारी के रूप में पदस्थापित किया गया है।

क्यों है भाजपा नेताओं से टकराव?
ईमानदार अधिकारी के रुप में चर्चित मंजूनाथ भजंत्री ने जब पिछली भाजपा सरकार में जब झारक्राफ्ट के एमडी का दायित्व संभाला तो उन्हें वहां गरीबों के लिए वितरित किये जाने वाले कंबल वितरण योजना में धांधली की जानकारी मिली। झारक्राफ्ट पर तत्कालीन सीईओ रेणु गोपीनाथ पणिक्कर का अघोषित अधिकार था। भजंत्री के आरोपों के बाद जांच में साबित हुआ कि कंबल घोटाला हुआ है। नतीजतन, रेणु गोपीनाथ पणिक्कर की छुट्टी हो गयी। लेकिन, राजनीति में भ्रष्टाचार की वजह से मंजूनाथ को लगातार परेशानी सहनी पड़ी। इसके बाद उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति हो गयी। स्वभाव से शांत और चमक दमक से दूर रहने वाले इस अधिकारी की वापसी हुई इस सरकार में, जब उन्हें देवघर का डीसी बनाया गया। देवघर डीसी के पद पर पोस्टिंग के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनके बीच मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के पहले विवाद शुरु हुआ। बात जब एफआइआर तक पहुंची तो भाजपा सांसद ने डीसी पर कई तरह के आरोप लगाए। हाल फिलहाल के दिनों में एयरपोर्ट विवाद के बीच दोनों पक्षों में विवाद बढ़ता ही रहा। अब इस विवाद में बाबुलाल की एंट्री हुई है।

फिलवक्त मंजूनाथ भजंत्री नेताओं से विवाद के बीच कहते हैं कि उनकी प्रतिबद्धता देश के संविधान और रूल बुक के प्रति है। नेताओं के आरोप पर किसी तरह का जवाब देना बेकार है।

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