साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन लग चुका है. चंद्र ग्रहण देश के कई शहरों ईटानगर, रांची, गुवाहाटी, दिल्ली, मुंबई, पटना, नोएडा आदि में दिखाई देगा, लेकिन सबसे पहले इसे अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में देखा जा चुका है. बता दें कि चंद्र ग्रहण कुछ जगहों पर स्पष्ट दिखाई देगा, तो वहीं कुछ जगह पर आंशिक दिखाई देगा. धर्म और ज्योतिष में चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण की घटना को अशुभ माना गया है. इसका प्रभाव सभी राशि के जातकों के जीवन पर देखने को मिलेगा. इस दौरान ज्योतिष शास्त्र में बहुत से कार्यों को न करने की मनाही है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान बहुत से कार्यों की मनाही होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित होता है. इस समय सिर्फ एक स्थान पर बैठकर भगवान का स्मरण करना चाहिए. इस दौरान मंत्र जाप और स्तुति पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और ग्रहण के प्रभाव को दूर किया जा सकता है.
बता दें कि इस बार के चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक एक दुर्लभ घटना मान रहे हैं. ऐसा मानने का पहला कारण ग्रहण के दौरान चंद्रमा के लाल रंग का होना है. इसी कारण इसे ब्लड मून के नाम से भी जाना जा रहा है. इसके अलावा ये साल का आखिरी ग्रहण है. इसके बाद इस साल कोई और ग्रहण दिखाई नहीं देगा. नासा के मुताबिक इस तरह का पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 2025 में देखने को मिलेगा.