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आवास योजना जमीन पर बना नहीं, कागज पर दिखाकर, डकार लिए राशि

 

 

*घोंघा पंचायत में गड़बड़ी का एक और उजागर*

 

*आवास योजना जमीन पर बना नहीं, कागज पर दिखाकर, डकार लिए राशि*

 

 

 

 

 

मोहनपुर: गरीबा असहाय लोगों के लिए सरकार तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है लेकिन प्रखंड के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना हो या मनरेगा योजना इन सभी योजनाओं कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और लूट का खसोट का बोलबाला है अगर लूटपाट की योजना से संबंधित बड़े अधिकारियों तक शिकायत की जाती है तो मामला सामने आने के बाद अधिकारी और कर्मी उस पर लीपापोती करने में जुड़ जाते हैं। ऐसा ही मामला घोंघा पंचायत के पुराना बगरा गांव के लाभुक शंभू महतो पिता केलू महतो के के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृत मिली थी। आवास का निर्माण तो नहीं हुआ लेकिन एक लाख पंद्रह हजार की राशि जरूर निकासी कर ली। बताया जा रहा है कि इस मामले में फर्जी तरीके से दूसरे का आवास का जियो टैग कराकर राशि लाभुक के खाते में भेजी गई राशि की निकासी भी होगी मगर आवास नहीं बना। प्रखंड कर्मी की मिलीभगत से दलालों के द्वारा प्रधानमंत्री आवास की राशि फर्जी तरीके से निकासी कर ली गई।

*जांच हुई तो ऐसे कई मामले सामने आएंगे प्रखंड के विभिन्न पंचायत के अंतर्गत।*

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत भोले-भाले लाभुकों के साथ आवास बनाने की देखरेख करने वाले ने ही ठगी की है हां विभिन्न पंचायत का मामला सामने उजागर हो जाएंगे लेकिन अगर इसकी जांच की जाए तो ऐसे और भी मामले सामने आ सकते हैं मतलब आवास बनाने के लिए देखरेख करने वाले की कारस्तानी के कारण ही प्रधानमंत्री का हर व्यक्ति को पक्का मकान देने की योजना को धक्का लगा रहा है।

*क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना का नियम*

प्रधानमंत्री आवास योजना बनाने के लाभुकों को तीन किस्तों में राशि दी जाती है पहली किस्त 40 हजार रुपए काम शुरू करने के लिए पेंशन एक सप्ताह के अंदर दिया जाता है दूसरी किस्त के रूप में 85 हजार विंडो लेवल तक काम करने पर दिया जाता है तीसरी किस्त 5 हजार रुपए आवास का निर्माण होने पर रंग रोगन के लिए दिया जाता हैं

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