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झारखंड की मंडियों में होली तक आ सकती है भारी किल्लत, खाद्यान्नों की कमी और महंगाई बढ़ने की संभावना

 

रांची : अगले महीने यानी मार्च तक झारखंड की मंडियों में भारी किल्लत आने वाली है. खबर है कि 15 फरवरी के बाद खाद्यान्नों की कमी और महंगाई में भारी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर यहीं आलम रहा तो होली में खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगेंगी. जिससे लोगों के पॉकेट में असर पड़ेगा.
सरकार को दी अनिश्चितकाली हड़ताल की चेतावनी
बता दें, राज्यभर के व्यवसायी और बड़े व्यापारी मंडी टैक्स में हुई बढ़ोत्तरी से बेहत नाराज चल रहे है. इसे लेकर व्यवसायियों ने राजधानी रांची में बैठक की जिसके बाद ऐलान किया गया कि अगर 15 फरवरी तक राज्य सरकार मंडी टैक्स वापस नहीं लेती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
एकजुट हुए राज्यभर के व्यवसायी
बता दें, राज्यभर के मंडी और गल्ला व्यवसायी आज रांची में एकजुट हुए. जहां झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बैनर तले व्यवसायियों ने मंडी टैक्स के खिलाफ अपना-अपना पक्ष रखा. व्यवसायियों ने करीब 4 घंटे तक मैराथन मीटिंग की जिसमें तय किया गया कि मंडी टैक्स को एक काला कानून की संज्ञा दी जाए साथ ही काला बिल्ला लगाकर काम किया जाए. बैठक के दौरान व्यवसायियों इसका भी ऐलान किया कि सरकार अगर 15 फरवरी तक टैक्स वापस नहीं लेती है तो उस दिन झारखंड की तमाम 28 मंडियों में कामकाज ठप कर दिया जाएगा. बैठक में यह भी कहा गया कि अगर यही हाल रहा तो झारखंड में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी और होली के समय सर पर महंगाई होगा.
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से आक्रोश सभा में शामिल हुए व्यापारियों ने कहा कि मंडी टैक्स से व्यवसायी किसान और अंत में महंगाई की सूरत में उपभोक्ताओं को नुकसान होने वाला है, झारखंड से अधिकांश राइस मिलें बिहार और यूपी पलायन कर जाएंगे.
राज्यपाल ने विधेयक को दी मंजूरी
इधर, राज्यभर के व्यवसायी इस लिए भी नाराज है क्योंकि पिछली बार वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि मंडी टैक्स वापस ले ली जाएगी. राज्यपाल ने विधेयक को वापस किया तो व्यापारियों की उम्मीदें बंधी थी मगर अब राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसके बाद यह कानून का दर्जा पा चुका है. जानकारी के लिए आपको बता दें, राज्य के पड़ोसी राज्य बिहार और यूपी में मंडी टैक्स नहीं लगता है.

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