धनबाद : वर्षो से एक ही व्यवस्था के तहत काम कर ऊब चुके बीसीसीएल कर्मचारी अब जल्द ही कारपोरेट लुक वाले कार्यालयों में काम करते दिखेंगे। बीसीसीएल प्रबंधन ने अपने कार्यालयों को कारपोरेट तौर- तरीके से बदलने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रबंधन बजट बनाने से लेकर कोयला भवन का लुक तक डिजाइन करने की तैयारी में जुट गई है। इस पर कंपनी ने 50 करोड़ का बजट रखा है। कोयला भवन के छह मंजिला भवन में करीब 450 कमरे होंगे।
भवन के नए लुक का असर कंपनी की आर्थिक स्थिति पर बेहतर
प्रस्ताव को बीसीसीएल बोर्ड आफ डायरेक्टर के पास रखा जाएगा। वैसे इसके चेयरमैन स्वयं बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता ने सोमवार को बताया कि हाल ही में कोयला भवन में स्थित सभी कार्यालयों में सेफ्टी को लेकर निरीक्षण किया गया,साथ ही अन्य सुविधाओं का भी आकलन किया गया। इसके बाद सेफ्टी आडिट का आदेश दिया गया। इसके अलावा कार्यालयों को कारपोरेट लुक देने का निर्णय भी लिया गया। कारपोरेट लुक दिए जाने के बाद कर्मचारियों व अधिकारियों के बीच जहां संवाद में तेजी आएगी, वहीं कार्य दक्षता भी कई गुणा अधिक बढ़ जाएगी। जिसका प्रभाव बीसीसीएल की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। लकड़ी के फर्नीचरों को हटाकर होगा शीशे का काम
मौजूदा समय में कोयला भवन के सभी कार्यालय में लकड़ी का सबसे अधिक काम किया गया है। 1981-82 में तैयार किए गए इन फर्नीचरों की आयु अब समाप्त हो रही है। सुरक्षा के लिहाज से भी इनसे खतरा है। बीसीसीएल प्रबंधन के द्वारा अब ऑफिस को केबिन का रूप देते हुए शीशे व एल्युमीनियम बीट का उपयोग करते हुए काम किया जाएगा। कोयला भवन का बाहरी हिस्सा केंद्रीय अस्पताल की तर्ज पर होगा।
रूफ टाप पर होगी कोल इंडिया मुख्यालय स्तर की व्यवस्था
कोल इंडिया में लगे रूफ टाप के सोलर पैनल की तरह की कोयला भवन को तैयार किया जाएगा। नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण में व्यापक स्तर पर भवन के डिजाइन में बदलाव की योजना है। प्राइवेट केबिन को शौचालय से अटैच किया जाएगा। महिला व पुरुष प्रतीक्षालय के साथ पब्लिक टायलेट का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा भी कई योजनाएं प्रस्तावित हैं
बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता कहते हैं, कोयला भवन में लकड़ी का काम काफी है। सुरक्षा के साथ-साथ अब कामकाज का तरीका बदला है। नए लुक में कार्यालय को लाया जाएगा। काफी पुराना होने के कारण कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। सोलर पैनल सहित कई काम किए जाएंगे।
