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महाशिवरात्रि को लेकर धनबाद के शिवालयों में तैयारियां पूरी, कल शहर के इन मार्गों से गुजरेगी भगवान शिव की बारात

 

धनबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का त्यौहार हर साल फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा।
वहीं अगर बात झारखंड की करें तो कोयलांचल के शिवालयों में शिवरात्रि को लेकर विशेष तैयारी की जाती है। कुश्ती वाले से बाबा भोलेनाथ की बारात धूमधाम से निकाली जाती है। बाराती भूत-बेताल बनकर नगर भ्रमण करते हुए मंदिर पहुंचते हैं, जहां उनका स्वागत पूजा समिति की ओर से किया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव व माता पार्वती का शुभ विवाह होगा। सभी मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा। इसके साथ ही कुछ मंदिर में भंडारे का भी आयोजन किया गया है।
टीवी सेंटर स्थित शिव मंदिर के पुजारी मुन्ना पंडित जी बताते हैं कि मिथिला पंचांग के अनुसार चतुर्दशी 18 फरवरी को संध्या 6:00 बजे प्रवेश कर रहा है जो 19 फरवरी संध्या 6:00 बजे तक रहेगा। महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए यह त्यौहार 18 फरवरी को ही मनाया जाएगा। नूतन डीसी मंदिर के पुजारी रविंद्र तिवारी बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि 18 फरवरी को संध्या 5:45 बजे प्रवेश कर रहा है जो 19 फरवरी को दोपहर 3:20 तक रहेगा। शिवरात्रि की पूजा संध्याकाल के बाद करना शुभ रहता है इसलिए महाशिवरात्रि का उपवास व पूजा 18 फरवरी को ही की जाएगी।
शहर के कई क्षेत्रों से निकलेगी शिव जी की बारात
शहर के बिनोद नगर त्रिमूर्ति मंदिर, मटकुरिया भूतनाथ मंदिर, विशुनपुर शिव मंदिर सहित अन्य क्षेत्र से शिव जी की बारात निकलेगी। महादेव की बारात देखने लायक होती है। बारात जहां से गुजरती है लोग ठीठक कर देखते ही रहते हैं। त्रिमूर्ति मंदिर में 18 फरवरी की संध्या में बारात निकाली जाएगी। बारात की अगुवाई महिला मंडली ही करती है। मंदिर से निकलकर हीरापुर व विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर रणधीर वर्मा चौक होते हुए वापस त्रिमूर्ति मंदिर लौट जाती है।
भूतनाथ मंदिर से बैलगाड़ी से निकलेगी बारात
मटकुरिया स्थित भूतनाथ मंदिर से निकलने वाली बारात प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनोखी व अकार्षक होगी। भोलेनाथ की बारात इस वर्ष बैलगाड़ी पर निकलेगी। आगे-आगे एक ही रंग के परिधान पहने बाबा के भक्त जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ेंगे तो वहीं वही बैंड-बाजे के साथ नाचे-गाते बाराती चलेंगे। इस बार कोलकाता, बनारस उज्जैन, दिल्ली, झारखंड का रामगढ़ सहित 15 प्रदेश से 15 आकर्षक झांकियां निकाली जाएंगी। मंदिर के पास 45 फीट उंची गुफानुमा पंडाल बनाई गयी है, जो केदारनाथ धाम का दिव्य दर्शन कराएगी। मंदिर कमिटी के सरोज प्रसाद ने बताया कि जिले भर में अगलगी की घटना को देखते हुए इस बार किसी भी तरह की आतिशबाजी का प्रयोग नहीं करने का निर्णय लिया गया है।

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