झारखंड कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक के विरोध में लगातार तीन दिनों से हड़ताल जारी है. इस दौरान जगह जगह व्यापारियों का विरोध प्रदर्षन और धरना जारी है. वहीं, प्रमुख बाजार मंडियों में दुकानें बंद है. राज्य की 28 बाजार मंडियां इस दौरान बंद है. चैंबर ऑफ कॉर्मस की मानें तो सरकार को राज्य भर से करीब 200 से 250 करोड़ के राजस्व का नुकसान है. चैंबर प्रतिनिधियों की मानें तो अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गयी है. प्रमुख मांग विधेयक में निहित दो फीसदी शुल्क का विरोध है. वहीं, व्यापारी विधेयक वापसी की मांग कर रहे हैं. हालांकि कुछ व्यापारियों ने बताया कि जब तक सरकार विधेयक वापस नहीं करती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, आंदोलन को तीन दिन हो जाने के कारण अब राज्य में खाद्यान्न संकट उत्पन्न होने की संभावना भी प्रबल हो गयी है.
