बिहार का यह गांव वाला रेस्टोरेंट ; हर जिले का अलग टेबल, चारपाई पर बैठ खाएं खाना

 

पटना : अगर आप शहर में रहते हुए गांव के माहौल में अपने परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं, बिहारी समेत अलग-अलग व्यंजनों का लुफ्त उठाया चाहते हैं तो राजधानी के ‘स्वदेश’ में चले आइए. यह बिहार का पहला और इकलौता बिहारी संस्कृति पर आधारित रेस्टोरेंट राजधानी के बोरिंग रोड मौजूद है. इसका इंटीरियर डेकोरेशन गांव जैसा है. पिछले 7 सालों से यह रेस्टोरेंट लोगों के पसंद पर खड़ा उतर रहा है. इस रेस्टोरेंट के मालिक अभिषेक बताते हैं कि इसको बेस्ट इंटीरियर का अवार्ड भी मिल चुका है, जो इन्होंने खुद डिजाइन किया है.
गांव की हर चीज मिलेगी
इस रेस्टोरेंट में गांव की झलक देखने को मिलती है. लोग चारपाई पर बैठकर खाना खाते हैं. बिहार के हर जिले के लिए एक टेबल बुक होता है, जिसके आसपास उस जिले की खासियत को दर्शाया गया है. इस रेस्टोरेंट की दीवारों पर मिट्टी, रेत का लेप लगाया गया है, जैसा गांवों में देखने को मिलता है.
इसमें खिड़की, पर्दे, दीवारों पर पेंटिंग, डेकोरेशन में रखे सामान सभी चीज ठीक वैसे ही हैं, जैसे गांव के घड़ों में रखे होते हैं. खटिया, लालटेन, झोपड़ी, किसान समेत गांव की हर चीज को यहां देखा जा सकता है. यहां प्रयोग होने वाले बर्तन भी सामान्य बर्तन से अलग गांव के घरों में प्रयोग होने वाले बर्तन जैसा है.
बिहारी शब्दों का भी जिक्र
इस रेस्टोरेंट के दीवारों में बिहारी शब्दों का भी मतलब समझाया गया है जैसे नरेटी, बुडबक, भकचोंहर, बक-बक, एकबैक, लफुआ आदि. इन शब्दों का हिंदी मतलब भी बताया गया है. इसके अलावा यहां वीकेंड पर खास म्यूजिकल प्रोग्राम भी होता है, जहां बिहार के लोकगीतों की प्रस्तुति होती है.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं अभिषेक
इसके मालिक अभिषेक दिल्ली में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. लेकिन, अभिषेक का मन इंजीनियरिंग के अलावा रेस्टोरेंट वाले बिजनेस में ज्यादा लगता था. इसीलिए इन्होंने इस रेस्टोरेंट को खोला और इसके इंटीरियर को खुद डिजाइन भी किया. जिसे एक संस्था के द्वारा बेस्ट इंटीरियर का अवॉर्ड भी मिल चुका है. अभिषेक बताते हैं कि यहां इंटीरियर के अलावा खाने में भी बिहारी झलक दिखती है.