![]()
हाजीपुर बिहारकेसाहित्यकार
रवींद्र रतन ने बहुभाषा राष्ट्रीय
कवि सम्मेलन, बंगलोर में
हिन्दी कविताओं की रस वर्षा की। और गैर हिन्दी प्रदेश में हिन्दी का गौरव गान सुना। ।—————‐———-
बंगलोर स्थित अल अमीन कालेज ,लालबाग के औडीटोरियम हाल में ‘ नया अदब ‘ संस्थान के बैनर तले
राष्ट्रीय बहू भाषा (उर्दू,हिन्दी,
अंग्रेजी और तमिल) कवि सम्मेलन का आगाज हुआ ।
इस कवि सम्मेलन का सदारत
जनाब अलीम सबा उर्दू के प्रख्यात कवि, लब्ध प्रतिष्ठित
लेखक ने किया। सभा मे मुख्य वक्ता के रुप में जनाब
फ़ैज क़ुउअड़ृ ,रिसरचस्कौलर
तमि नाडू उपस्थित रहे ।
उर्दी ,अंग्रेजी ,तमिल के अलावे हिन्दी के ,हाजीपुर बिहर के वरिष्ठ कवि रवींद्र कुमार रतन के अलाबे अजय कुमार सिंह सेवा निवृत I P S
मंजू साहिबा,त्रिलोकी नाथधर
दिल्ली,आदित्य शुक्ला ,डा 0 प्रेमताभी,कमलराजपूत ,विद्या
कृष्ण ,रघुवीर अग्रवाल आदि ने अपनी अपनी कविता के द्वारा रस वर्षा के द्वारा आज की शाम नया अदब वंगलोर के नाम किया मुख्य मेहमान ने कवि रतन की कविताओं से प्रभावित होकर अपने कुरान
का हिन्दी अनुवाद एवं अमन क्या है ? पुस्तक दिया।
रतन जी की कविता का शीर्षक ‘ चैंन,शान्ति-सुख का पैगाम ‘ , ‘ शहीदों को शतशत
बार प्रणाम ‘। ने लोगों को काफी प्रभावित किया।कवियों ने कहा बिहार और UP हिन्दी का गढ है।
जनाब फ़ैज साहब ने अपने भाषण में सभी भाषा की सराहनाकरते हुए तमिल , उर्दू ,हिन्दी ,अंग्रेजी आदि
भाषाओं मे प्रयुक्त शब्दो की सम्यता पर प्रकाश डालते हुए
A, अ, अलिफ़ आदि की संयत पर प्रकाश डाला।अपनी कै कविताओं का भी सस्वर पाठ किया।मैने भी अपनी स्व रचित लगभग 10 पुस्तक अन्य कवियों के अलाबे मुख्य मेहमान को भी दिया।
अन्त में महर मन्सूर जी ने धन्यवाद और मुबारक वाद दी। कवयित्री मंजू वेकंट साहिबा ने विषय प्रवेश कराया।
अन्त में आजम सहिड साहब मन्सूर साहब, आजम सहिड साहब ने स्वागत एवं मुबारक्वाड दी।
