शादी की 68 वीं सालगिरह की हार्दिक बधाई और ढ़ेरो शुभकामनाएं।
मेरे मौसा-मौसी हमारे सारेसं- बंधियोंके प्रेरणाकेश्रोत रहेहै।
——————–रविन्द्र-रतन
भाग्य हीसंसारमेंसबकोनचाता
वसवहीहोताजोलिखताविधता
समय जो न कराबे ,विधना जो न नाच नचाबे । मेर93वर्ष के मौसा के श्री शरत चन्द्र नारायण सिन्हा जो( A O ) आडिट अफसर से सेवा निवृत हैं एवं मेरी 89 सालकी मौसी श्रीमती कमला देवी पूर्णत: गृहणी के आज शादी की 68 वीं साल- गिरह का आयोजन था।अचानक उनकीतवियतखराब हो गई।अस्पताल में चिकित्सा के लिए ले जाया गया तो डाक्टर ने ब्रेनटिउमर और एक तरफ पारलेसिस एतैक बताया।
जब अस्पताल के डा 0 नीति
वर्मा एवं डा 0 गौरववर्मा जी ( जोउनकी बड़ी बेटी नुपुर एवं दामाद भुवन मोहन जी केबेटी -दामाद है) कोजबयह ज्ञातहुआकिआजइनदोनोकेशादीकी 68 वीं सालगिरह है तो तत्काल आई सी यू( I C U )से बाहर व्यबस्था कर एक दूसरे को माला पहनवाकर,68 वाँ भारी-भड़कम केक कटवाकर अस्पताल मे धूम मचा दिए।सबोने उनके शादी की सालगिरहकीशुभकामनाएं
दी और शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना किए।
इस प्रकार उनका इकलौता पुत्र प्रभाश चन्द्र नारायण जो भारतीय स्टेट बैंक केग्रमीण बैंक के क्षेत्रीयेप्रबंधक के पद से सेवा निवृत हैएवं उनकी पूर्णत:गृहणी पत्नी मधुरिमा ने अपनी तत्परता से शानदार 68 वीं साल गिरह मनाकर उनकीजिजीविषाकोमजबुत कर दिय।
बाहर रह रहे संबंधियों मे उनके अनुज शिव चन्द्र नारायण सिन्हा,रामनाथ जी कन्हिया जी एवं लखनऊ से
मुरली मनोहर श्रीवास्तव तथा हैदृवाद से वसंत जी ने अपने-
अपने दूरभाष से हाल चाल का जायेजा लेते रहे।
स्थानिय लोगों मे उनकी बेटी
नुपुर,नूतन ,निनी, दमुचक से मुकंद -शोभा,बाबन बीघा से सत्यप्रकाश एवं कविता आदि
की उपस्थिति से भी बल मिला।
सरोजबाला सहाय के साथ मै सिर्फ भगवान से उन्हे शीघ्र स्वस्थ्य करने,दोनो आदरणीय को शतायु प्रदान करने की कामना के अलाबे कर ही क्या सकता था। सबने उनके सुन्दर स्वास्थ्य,सुखी जीवन,सुदृढ भविष्य की शुभकामनाएं प्रकट करते हुए दोनो को प्रणाम कर आशीर्वाद ले चलने लगा।
प्रभाष उर्फ सुमन जी ने सबके प्रती आभार प्रकट किया कि आप सबके आ
जाने से नया जीबन भी मिला और न मनाय जाने की सम्भाबनाओं के बीच शादी की 68 वीं साल गिरह भी शानदार ढंग से मन गया।