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बीसीसीएल एरिया 1 से 5 में कोयले के अंधाधुंध उत्खनन से बढ़ा प्रदूषण,

बीसीसीएल एरिया 1 से 5 में कोयले के अंधाधुंध उत्खनन से बढ़ा प्रदूषण, आउटसोर्सिंग कंपनियां नहीं कर रहीं नियमों का पालन

बीसीसीएल एरिया 1 से 5 में कोयले के अंधाधुंध उत्खनन से बढ़ा प्रदूषण, आउटसोर्सिंग कंपनियां नहीं कर रहीं नियमों का पालन

धनबाद
कतरास_ कोयले का अंधाधुंध उत्खनन होने से बाघमारा में प्रदूषण का अस्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. इससे कोयलांचल में पर्यावरण को गंभीर खतरा है.

बीसीसीसीएल और उसके अधीन कार्य कर रहीं आउटसोर्सिंग कंपनियां इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं देश में ऊर्जा की जरूरत पूरी करने के लिए कोयला जरूरी है,

लेकिन कोयला उत्खनन के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले सभी मापदंडों का पालन भी उतना ही जरूरी है.

पर लक्ष्य हासिल करने के लिए बीसीसीएल व अपनी कमाई बढ़ाने के लिए आउटसोर्स कंपनियां नियमों को ताक पर रख उत्खनन कर रही हैं. यह स्थिति पर्यावरण के लिए खतरनाक है

कोयलांचल का पर्यावरण प्रदूषित होने के चलते यहां के लोग सांस व फेफड़ा समेत कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं इस दिशा में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,

डीजीएमएस ,जिला प्रसासन और बीसीसीएल को भी गम्भीर होने की जरूरत है. तभी शहर प्रदूषण मुक्त होगा.

बीसीसीएल नियमों को ताक पर रख आउटसोर्सिंग के माध्यम से कोयला उत्खनन करने में लगी है . कंपनी को जनता की तनिक भी चिंता नहीं है.

इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अब आम लोगों को खुद आगे आना होगा, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए साल के 365 दिन पेंड- पौधों की रक्षा और उनकी देखभाल करने की जरूरत है.

तभी हमारा शहर प्रदूषण मुक्त होगा .बीसीसीएल हमारे भविष्य के साथ-साथ पर्यावरण से भी खिलवाड़ कर रही है.

ओपन माइंस के नाम पर शहर को प्रदूषित किया जा रहा रहा है .अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में जन्म लेने वाले शिशु बच्चे विकलांगता का शिकार हो सकते हैं।

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