बिजली का बिल जमा करने जैसे ही दफ्तर पहुंचा.. सामने से एक अधिकारी खुद ठंडा पानी लेकर आए और बोले ..अरे साहब इतनी धूप में आने की क्या जरूरत थी..आराम से अगले महीने करते..मुझे भी आश्चर्य हुआ कि बिजली विभाग में यह परिवर्तन कैसे हो गया?काउंटर पर भीड़ भी नहीं थी..बाबू ने अंदर से आवाज दी आइए सर..बताइए चाय लेंगे या ठंडा..?मैनें मुस्कुराते हुए कहा, कुछ नहीं बस यह बिल जमा करनी थी।बाबू ने कहा अरे बिल तो जमा हो ही जाएगा, कौन सा भागे जा रहा है?हम आपकी सेवा के लिए ही तो हैं। बताइए बिजली 24 घंटे मिल रही है ना..मैनें तपाक से जवाब दिया.. नहीं कल रात साढ़े तीन मिनट के लिए कटी थी..यह सुनकर जिस अधिकारी ने पानी पिलाया था वो दौड़ते हुए आए और क्षमा मांगते हुए बोले..अरे साहब कल इस लोड शेडिंग के लिए तो बवाल हो गया..*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने तो सबकी क्लास लगा दी..तीन इंजीनियर और एक एसडीओ को सस्पेंड कर दिया है।*सीएम साहब बोले हैं झारखंड में ये सब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा..फिर बिल ले रहे क्लर्क ने बोला अरे सर आपका तो बिल ही नहीं बनता.. आप बेकार में आ गए।आपने पिछले महीने केवल 130 यूनिट ही खर्च किया है..मैनें कहा कि 100 यूनिट के नीचे न बिल नहीं लगता, मैनें तो ज्यादा खर्च किया है इसीलिए तो 957 रुपए का बिल आया है।वो मुस्कुराते हुए क्लर्क बोला..और आपने जो पिछले सप्ताह अपनी बेटी के जन्मदिन पर गमले में तीन पौधे लगाए थे उसका 45 यूनिट आपका फ्री हो गया।मैनें आश्चर्य से पूछा ये पौधे वाली बात आपको कैसे पता..उसने बताया सर यह झारखंड की हिम्मत वाली सरकार में कुछ नहीं छिपता..”Suo Motto” से हमें सब पता चल जाता है।आपको बिल भी नहीं देना होगा, उल्टे 150 रुपए आपको प्रोत्साहन राशि दी जाएगीमेरी तो बांछे खिल गई.. इससे बढ़िया शासन और क्या होगा? जहां जनता का इतना ख्याल रखा जाता हो..मैनें प्रोत्साहन में मिले 150 रुपए के 50 रुपए क्लर्क को देने के लिए हाथ आगे बढाया, उसने हाथ जोड़कर बोला..साहब हमारी नौकरी चली जाएगी।यहां वेतन के अलावा एक रुपया भी लिया तो सीधे जेल चला जाऊंगा। हमारे सीएम जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हैं।ये सब झारखंड में पाप है।सच में यह सुनकर खुशी से आंखों में आंसू आ गए।मैनें 150 रुपए और सीएम का फोटो लगा एक प्रमाण पत्र बैग में डालकर बाइक स्टार्ट करके निकल ही रहा था कि..जोर का झटका लगा....और मेरी नींद टूट गई…पंखा बंद था, चारो तरफ घुप अंधेरा..मैं पसीने से नहाया हुआ था..इन्वर्टर बंद हो चुका था..मेरे बिजली विभाग के दफ्तर का सुखद सपना टूट चुका था..पत्नी ने किसी तरह बेटी के जन्मदिन वाली बची हुई कैंडल जलाते हुए वट सावित्री पूजा वाले हाथ वाला पंखा ढूंढ कर लाई.. और मुझे झलते हुए..कहा सो जाइए..कल ड्यूटी में जाने से पहले ही बिजली बिल जमा करा दीजिएगा, लास्ट डेट है..भीड़ भी ज्यादा होगी और नहीं कराएंगे तो जो थोड़ा बहुत आ रहा है वो भी कट जाएगा..
