भारत की आजादी और राष्ट्र के समग्र विकास तथा नव- निर्माण में ” कायस्थ -समाज” कीभूमिका या योगदान अवि- स्मर्णीय रहा है। मगर यह समाज आज भी राजनीति के हासिये पर है ?आपसी
भाईचारा और सामन्जस्य का अभाव हैजो है।
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(रवींद्र कुमार रतन,प्रदेश अध्यक्ष,शिक्षाप्रकोष्ठअभकाम
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भारत की आजादी मे ही नहीं
अपितु स्वतंत्रता के उपरान्त भी राष्ट्र को जब -जब जरुरत पड़ी है,चाहे दूसरी आजादी, सम्पूर्ण क्रांति की बात हो,राष्ट् के समग्र विकास तथा नव निर्माण में कायस्थ समाज के पुरुषों का ही नहीं,महिलाओं के योग दान का दायराभी अविस्मर्णीय है।इसकेवाबजूद भी आज यह समाज भारतीय राजनीति के हासिए पर है।यह दक्ष प्रश्न सामने समाधान मांग रही है। क्योंकि आपसी सहयोग और सामन्जस्य का
अभाव ,आगे बढ्ने नहींदेता।
‘ मंजिले उन्हे ही मिलती है
जिनके सपनों में जान होतीहै।
पंखों से कुछ नही होता ,
हौसलों से उड़ान होती है ।’राष्ट्र पर जब – जब विपत्ति के बादल छाये हैं तब-तब राष्ट्र के चहुमुखी विकास तथा उसके नव निर्माण में कायस्थ
समाजकायोगदानअविस्मर्निय र्औरअवर्णणनीय है।यह हम नही कह रहे हैं यह भारत का
इतिहास और वर्तमानकाकार्य
काल बोल रहा है।भारत का स्वर्णिम इतिहास हमें बताता है कि राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में भारत के कायस्थों का अविस्मर्णीय योगदान रहा है चाहे वह स्वतंत्रताकीलड़ाई हो,अध्यात्म काअध्याय हो ,
राजनीति का क्षेत्र हो,इतिहास के पन्नों की बात हो,साहित्य के क्षेत्र में लेखकों- कवियों काअवदानहो ,विज्ञान
प्राद्योगिकी के क्षेत्र की बात हो,फिल्म जगतके चकाचौन्ध की बात हो।कोई भी ऐसा क्षेत्र
नहींजोकायस्थोंकेअविस्मर्णीए योगदान से बचा हो ।
योगदान देने वाले उन अन-
गिनत कायस्थों में से कुछ
प्रमुख कायस्थ रत्न हस्तियों की संक्षिप्त झान्किं हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे है।
(1) अध्यात्मिक
1 स्वामी विवेकानंद 2 परम हंस योगनंद 3 महर्षि महेश
योगी 4 श्री अरविंदों 5 दया
नन्द सरस्वती और सौरभ-
समीर वर्तमान में ।
इन अध्यात्मिक गुरुओं के सम्बंध मे इतिहास बहुत कुछ कहता है,मगर मैं यही कहूंगा कि राष्ट्र ही नही अन्तर्राष्ट्रिय स्तर पर विवेकानंद जी ने भारत मो सम्मान दिलाने का काम किया। और वर्तमान में
मेरा इन्जीनियर लड़का सौरभ
नौकरी और घर को छोड़ अध्यात्म की ओर चल पड़ा।
‘इसी वंश मे हुए अवतरित ऋषि अरविंद,विवेकानंद ।
जिनकी ज्ञानज्योति से लोगों
ने पाया अतिशय ही आनन्द।’
(2) नेता और राज नेता:-
1 डा 0राजेन्द्र प्रसाद 2 लाल
बहादुर शास्त्री 3लोकनायक
जय प्रकाश नारायण 4 नेता जी सुभाष चंद्र बोस 5 ज्योति
बसु 6 बाला साहे ठाकरे 7 बीजू पटनायक 8 यशवन्त सिन्हा9 सच्चिदानंद सिन्हा
10 सम्पूर्ण नन्द सिन्हा 11
श्री रवि शंकर प्रसाद 12नवी
न पटनायक 13 विन्देश्वरीप्र0
वर्मा 14जयन्त सिन्हा 15 राज ठाकरे 16 उद्धव ठाकरे
17शिव चरण माथुर18सुबोध
कान्त सहाय 19 कृष्ण नन्दन
सहय 20 रवींद्र किशोर सिन्हा
21 अशोक कुमार श्रीवास्तव
22 के बी सहाय 23महामाया
प्रसाद। इन मे से सभी की अपनी-अपनी व्यक्तिगत पहचान है ।अत:सबके सम्बंध में लिखने से एक अलग पुस्तक हो जाएगी।इस
लिए निहायत आवश्यक बात
बता रहा हूँ। भारत को प्रथम
राष्ट्रपतिके रुप मेंराजेन्द्रप्रसाद
दूसरे प्रधान मंत्री के रुप में लाल बहादुर शात्री ही नही जब कांग्रस के तानाशाह से जन-जन त्रस्त था तो सम्पूर्ण
क्राति का नेतृत्व करने वाले
लोकनायक भी इसी समाज ने दिया जय प्रकाश के ज पा में।यही नहीं सूभाष चंद्र बोस
जैसा क्रांतिकारी दिया जिसने
आई एस की नौकरी को लात मर कर देश की आजादी पर अपने को वार दियापर देश ने क्या दिया इन्हे।आज तक न इनकी मृत्यु का कारण पता चला न इनकी मृत्यु की तिथि का पता चला।
‘भारत को तो दिया इसी ने
महामहिम राजेन्द्र प्रसाद ।
प्रधान मंत्री लालबहादुर
का भी दिया इसी ने प्रसाद।’पराधीनता की बेड़ी में जब जकड़ी थी भारत माता ।
तब सुभाष-जे पी ने जोड़ा
जन -जन से अपना नाता ।’
(3) इतिहासकार:-
1 सर जादुनाथ सरकार ,
2 बनारसी प्रसाद सक्सेना
3आशिर्वादी लाल श्रीवास्तव
4 बी अशोक राय । बीते समय के तथ्यों की सच्चाई को , वर्तमान में अतित का गौरव गान मुखरित करने का काम इतिहास कर ही करते हैं।इनका साहित्य ही दर्पण का कं करती है और वर्तमान में बीते समय का आइना दिखा कर लोगों को बताते हैं कि कल मी क्या सच्चाई थी।
(4) साहित्यकार,लेखक कवि:-1 मुन्शीप्रेमचंद2हरिवंश राय वच्चन 3 महादेवी वर्मा 4
भगवती चरण वर्मा 5 राम कुमार व…