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झारखंड

9 करोड़ के ओबी घोटाले में विजिलेंस का छापा, पूछताछ के बाद डॉक्यूमेंट्स जब्त

9 करोड़ के ओबी घोटाले में विजिलेंस का छापा, पूछताछ के बाद डॉक्यूमेंट्स जब्त

9 करोड़ के ओबी घोटाले में विजिलेंस का छापा, पूछताछ के बाद डॉक्यूमेंट्स जब्त

धनबाद : मुगमा क्षेत्र की निरसा ओसीपी आउटसोर्सिंग कंपनी में मंगलवार की दोपहर ईसीएल मुख्यालय की तीन सदस्यीय विजिलेंस टीम ने छापेमारी की। कंपनी पर ओवरबर्डेन (ओबी) हटाए बिना ही नौ करोड़ रुपए निकासी का आरोप है।
शिकायत है कि कंपनी ने करीब 12 लाख क्यूबिक मीटर ओबी की गलत मापी दिखा कर रुपए उठा लिए। मामले की जांच के लिए ही विजिलेंस टीम निरसा ओसीपी पहुंची। टीम ने करीब दो घंटे तक ओसीपी का निरीक्षण किया। कर्मियों से पूछताछ के बाद कुछ कागजात जब्त कर अपने साथ ले गई।
सूत्रों ने बताया कि दो दिन पहले सीएमपीडीआईएल की टीम ने मशीन से जांच की थी। जांच में गलत मापी का मामला पकड़ा गया था। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मामले में मुगमा क्षेत्र के कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। क्षेत्रीय महाप्रबंधक ने भी फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के नागपुर की एक कंपनी ने वर्ष 2018 में आउटसोर्सिंग का काम शुरू किया था। आरोप है कि करीब छह वर्ष के कार्यकाल के दौरान बिना ओबी निकासी किए ही करीब 12 लाख क्यूबिक मीटर का बिल करीब नौ करोड़ रुपए कंपनी ने भुगतान ले लिया। संभावना है कि इसकी शिकायत किसी ने कोल मंत्रालय से कर दी। इसके बाद कोल मंत्रालय ने सीएमपीडीआईएल को जांच का जिम्मा सौंपा था। आउटसोर्सिंग कंपनी के मैनेजर नीरज सिंह ने बताया कि इस सबंध में उन्हें जानकारी नहीं है।
सीएमपीडीआईएल की टीम ओसीपी में जांच करने आई थी। यह रूटीन वर्क है। गलत मापी कर ओबी निकासी करने के मामले की जानकारी नहीं है। ईसीएल मुख्यालय की भी टीम आई थी। – उमेश पंडित, मुख्य खनन अभियंता सह एजेंट, लखीमाता कोलियरी

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