चुनाव खत्म होते ही गुलजार हुआ अवैध कोयला ढुलाई का बाजार
अवैध माइंस को फिर से चालू करने की चर्चा
प्रशासन मुस्तैद मगर दिखावे मात्र के लिए होती है कार्यवाई
धनबाद :
धनबाद में लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर अवैध कोयला का बाजार गुलजार हो गया। धनबाद के हृदयस्थली बैंक मोड़ की यह तस्वीर चुनाव के दौरान नही दिखती थी। चुनाव समाप्त होते ही अवैध कोयला की ढुलाई खुलेआम सुरु हो गई।
बैंक मोड़ से होते हुए थाना के सामने से ओवरब्रिज के रास्ते रांगाटांड श्रमिक चौक के रास्ते साइकिल और मोटर साइकिल से अवैध कोयला की ढुलाई होते देख सकते हैं।
धनबाद लोकसभा चुनाव से पहले जिला प्रशासन से लेकर थाना और ओ पी स्तर तक सभी जबाबदेह ने दावा किया कि धनबाद के सभी क्षेत्र से अवैध कोयला की कटाई ढुलाई को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसी बीच धनबाद में बी सी सी एल के कई एरिया में अवैध कोयला खुदाई पर रोक लगाते हुए अवैध मुहाने का डोजरिंग कर बंद किया गया।
लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने के लिए मतदाताओं को किया जागरूक
धनबाद में लोकसभा चुनाव से पहले कोयले से जुड़े घटना में कार्यवाई करते हुए प्रशासन ने खुद की छवि के साथ कुछ सफेदपोश लोगों को भी साफ सुथरा करने का प्रयास किया। जबकि अवैध कोयले की मलाई खाने का आरोप झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी और एक विधायक के बीच आरोप प्रत्यारोप चर्चा में रहा।
चुनाव प्रक्रिया में पुलिस की जिम्मेदारियां” पर प्रशिक्षण आयोजित
धनबाद लोकसभा चुनाव के दौरान कोयला का मामला जैसे ठंडा बस्ता में डाल दिया गया हो और पुरे चुनाव में कोयला को चुनावी मुद्दा से बाहर रखा गया।
धनबाद में जैसे ही 25 मई को चुनाव खत्म हुआ वैसे ही अवैध कोयला का कारोबार गुलजार हो गया। धनबाद के कतरास क्षेत्र में बंद माइंस को वापस चालू करने की चर्चा भी गर्म है।
धनबाद के बी सी सी एल के लगभग सभी एरिया क्षेत्र में अवैध कोयला का खेल चल रहा है। देखना यह है कि चुनाव के बाद प्रशासन अवैध कोयला को लेकर क्या रुख अपनाती है। या प्रशासन का चुनाव पूर्व की गई कार्यवाई क्या किसी प्रत्याशी का छवि साफ करने की कोशिश तो नही थी।