BMS का 70वां स्थापना दिवस कोलियरियों में धूमधाम से मनाया गया।

दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को श्रद्धांजलि: BMS की स्थापना के 70 साल,

BMS का 70वां स्थापना दिवस कोलियरियों में धूमधाम से मनाया गया।

बाघमारा/धनबाद :

भारतीय मजदूर संघ (BMS) का 70वां स्थापना दिवस आज, 23 जुलाई 2024, विभिन्न कोलियरियों में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर BMS के कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यस्थलों पर उपस्थित रहे और उन्होंने BMS का राष्ट्रीय प्रतीक झंडा फहराया। कोलियरियों के कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्साह के साथ सभी कोलियरियों का भ्रमण भी किया, और एरिया 3 के BMS के कार्यकर्ताओं ने इस महत्वपूर्ण दिन पर अपने उच्च अधिकारियों के सामने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। समाज की बेहतरी के लिए विनय चौहान के प्रेरणादायक प्रयास, विनय चौहान ने लोयाबाद के दो मंदिरों का किया सौंदर्यकरण

कार्यक्रम के दौरान, BMS के कार्यकर्ताओं ने मजदूरों की उद्योगों की उन्नति और राष्ट्रहित में किए जाने वाले कार्यों पर अपने सुझाव साझा किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मजदूरों के हित में काम करना और उद्योगों की प्रगति सुनिश्चित करना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। इस अवसर पर BMS के कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय के नारों के साथ अपने जोश और देशभक्ति को प्रदर्शित किया।

BMS का इतिहास 70 साल पुराना है, और इसकी स्थापना पूजनीय श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने 23 जुलाई 1955 को भोपाल, मध्य प्रदेश में की थी। संगठन का मुख्य उद्देश्य मजदूरों के हितों की रक्षा करना, उद्योगों का विकास और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। इस संगठन ने हमेशा मजदूरों के हितों को प्राथमिकता दी है और उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया है।

 

स्थापना दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, BMS के कार्यकर्ताओं ने संगठन के संस्थापक श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को याद किया और उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संगठन के उद्देश्यों को याद करते हुए, मजदूरों के हित में अपने प्रयासों को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया। सौहार्द बनाए रखने के लिए पांडरपाला में निकला शांति मार्च

इस ऐतिहासिक दिन पर, BMS के कार्यकर्ताओं ने अपने संगठन की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया और आने वाले समय में मजदूरों के हित में और भी अधिक सक्रियता से काम करने का प्रण लिया। BMS के इस 70वें स्थापना दिवस ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर अपने उद्देश्यों की ओर और भी दृढ़ता से बढ़ने की प्रेरणा दी।