कोयला श्रमिको के साथ न्याय करे सरकार – बिनोद कुमार सिंह

कोयला श्रमिको के साथ न्याय करे सरकार – बिनोद कुमार सिंह

भूली। यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन रीजनल हॉस्पिटल भूली शाखा के सचिव बिनोद कुमार सिंह ने कोयला श्रमिको के हित में सरकार द्वारा कोल इंडिया में लगभग सात साल से मेडिकल बोर्ड के कार्य ना करने और कोयला श्रमिको के गंभीर बीमारी के स्थिति में आश्रितों को नियोजन नहीं मिलने को लेकर अपना विचार साझा करते हुए कहा कि कोल इंडिया के वेतन समझौता में स्पष्ट वर्णित है कि कोयला श्रमिक कार्य के दौरान अगर गंभीर बीमारी से ग्रसित होता है तो उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियोजन दिया जाएगा। लेकिन 2017 के बाद से कोल इंडिया में मेडिकल बोर्ड कार्य नहीं कर रही है। जिसमें बीसीसीएल भी शामिल है। जिसके कारण कई श्रमिको को गंभीर बीमारी की स्थिति में भी उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियोजन नहीं मिल रहा है। सरकार ने अधिकारियों को भले ही अनुकम्पा के आधार पर मिलने वाली नियोजन में बदलाव कर अधिकारियों के आश्रितों को बड़ी राहत दी है। लेकिन श्रमिक वर्ग को कोई राहत नहीं मिला और जो सुविधा कोयला श्रमिको को मिल भी रही थी वह 2017 से बंद है।


राज्यसभा में इस मुद्दे पर सवाल उठाया गया। सरकार को कोल इंडिया के अनुषंगी इकाई में कार्यरत कोयला श्रमिको के तकलीफ को संज्ञान में लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में कई योजनाएं आम आदमी के हित में चलाया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कोयला मंत्रालय को इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए तत्काल गंभीर बीमारी से ग्रस्त कोयला श्रमिको को मेडिकल बोर्ड के गठन और वेतन समझौता में वर्णित शर्तों के अनुरूप आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियोजन देने को लेकर विचार करे।
यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष शत्रुघ्न महतो उर्फ शरद दा को इस विषय पर ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन कोयला श्रमिको के हित के लिए कार्य करती रही है और अनुकंपा पर नियोजन दिलाने और गंभीर बीमारी से ग्रस्त श्रमिक को लाभ दिलाने को लेकर भी लड़ाई लड़ेगी। वास्तव में यह मुद्दा गंभीर है और यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन भी इस मुद्दे पर गंभीरता से पहल करेगी।