दरअसल रांची का रहने वाला तुषार अपनी पढ़ाई करने यू एस गया था। जहाँ उसकी मुलाक़ात क्लोडिया से हुई। पढ़ाई के दौरान तुषार की नजदीकियां क्लेडिया से हुई। क्लेडिया ने तुषार से भारत की संस्कृति और तीज-त्योहार के बारे में जाना। उसे यहां कि संस्कृति काफी लुभाती। दोनों घंटों भारतीय संस्कृति पर बातें करते। इन्हीं बातों के बीच इनका प्रेम भी गहराता गया। इसी दौरान तुषार कलोडिया के परिवार के भी नजदीक आया। तुषार अक्सर छठ और अन्य पर्व त्योहारों मे अपनी माँ से वीडियो कॉलिंग के जरिये बाते करता था। इसी दौरान छठ और अन्य पर्व त्योहारो को भी कलोडिया और उसके परिवार ने नजदीक से देखा। वे यूएस में रहकर भी भारतीय संस्कृति में रचने बसने लगे।
मौका देखकर क्लोडिया ने अपने प्यार का इजहार भी कर दिया। दोनों ने अपने प्यार को मुक्कमल बनाने के लिए शादी करना चाहते थे। तुषार को लगता कि पता नहीं उसके घर वाले विदेशी युवती को बहू बनाना पसंद करेंगे या नहीं। जब उसने अपने घर में इस प्यार की बात बताई तो उसके माता-पिता ने इसका समर्थन किया पर शर्त यह रखी की शादी भारतीय रीति के साथ रांची में ही होगी। उधर क्लोडिया और उसके माता-पिता भी इस बात के लिए तैयार हो गए। फिर आपने माता -पिता और परिजनों के साथ क्लोडिया यूएस से रांची आई। 25 जनवरी को यहां हिंदू विधान के साथ धूम-धाम से दोनों की शादी हुई।