भूली न्यूज़
धनबाद स्थित एसजेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने थैलीसीमिया और हेमोलिटिक अनीमिया से ग्रसित मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सा समाधान प्रदान किया है। अस्पताल के मुख्य सर्जन डॉ. अर्घ्य बासु की नेतृत्व में हाल ही में की गई तिल्ली छेदन (स्प्लेनक्टॉमी) सर्जरी ने काफी सारे मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ज्ञात हो कि थैलीसीमिया और हेमोलिटिक अनीमिया जैसी भयानक बीमारियाँ जेनेटिक होती हैं और इनका इलाज अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है। इन बीमारियों में तिल्ली का आकार अत्यधिक बढ़ जाता है, और मरीजों को लगातार रक्त चढ़ाना पड़ता है। यह प्रक्रिया न केवल कठिन होती है बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। रक्त चढ़ाने के कारण शरीर में आयरन जमा हो जाता है, जो संक्रमण और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
इस प्रकार की समस्याओं का समाधान अब एस जे एस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 24*7 उपलब्ध है। तिल्ली छेदन के माध्यम से, डॉ. बासु ने मरीजों की स्थिति को काफी हद तक सुधारने में सफलता प्राप्त की है। इस प्रक्रिया मे तिल्ली को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया थैलीसीमिया का इलाज नहीं करती, बल्कि इससे मरीजों कि जिंदगी में अप्रत्याशित सुधार लाती है।
तिल्ली छेदन के बाद, मरीजों के शरीर में रेड ब्लड सेल्स (RBCs) की उम्र बढ़ जाती है, जिससे उन्हें रक्त चढ़ाने की आवश्यकता बहुत कम हो जाती है। जिससे शरीर में आयरन ओवरलोड भी कम हो जाती है और संचालन जमित संक्रमण की संभावना भी घट जाती है। इससे मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और उनकी बीमारी से संबंधित जटिलताओं की संभावना कम होती है।
पहले, थैलीसीमिया के मरीजों को तिल्ली छेदन के लिए राँची, जमशेदपुर, हैदराबाद या वेल्लौर जैसे शहरों का दौरा करना पड़ता था। लेकिन अब, एसजेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डॉ. बासु ने स्थानीय स्तर पर यह महत्वपूर्ण सर्जरी सफलतापूर्वक कर काफि मरीजों को नई जिंदगी दी है। इस उपलब्धि ने न केवल मरीजों की बल्कि उनके परिवारों की उम्मीदों को भी नई आशा की किरण दी है।
डॉ. अर्घ्य बासु ने विभिन्न थैलीसीमिया व हेमोलिटिक अनीमिया मरीजों पर तिल्ली छेदन सर्जरी की है, और परिणामस्वरूप, मरीजों का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से सुधर गया है। यह सर्जरी मरीजों को न केवल शारीरिक राहत प्रदान करती है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। परिवारों की खुशी और आभार इस सर्जरी की सफलता की सबसे बड़ी प्रमाण हैं।
इस प्रकार की सर्जरी के परिणामस्वरूप, मरीज अब स्वास्थ्य की ओर एक नई दिशा में बढ़ रहे हैं और उनकी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आया है। अस्पताल की इस नई उपलब्धि ने धनबाद और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में एक नया मानक स्थापित किया है।
एसजेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और डॉ. अर्घ्य बासु की यह कोशिश थैलीसीमिया के मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की चिकित्सीय प्रगति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवा अब स्थानीय स्तर पर भी उपलब्ध है और मरीजों को देश के अन्य हिस्सों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।
डॉ. बासु की यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि संकल्प और मेहनत के साथ, किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनके प्रयासों ने हजारों मरीजों को नया जीवन दिया है और इस क्षेत्र में एक नई उम्मीद की किरण को जगाया है।