गुरुनानक जयंती (गुरुपूरब) के उपलक्ष्य में तड़के ही निशान साहिबलेकर जत्थों द्वारा प्रभात फेरी
फेरी के माध्यम से नगर भ्रमण किया गया, जिसमें सिख गुरुओं की बाणी का कीर्तन कर उसे जन-जन तक पहुंचाया गया। मटकुरिया में प्रभात फेरी के पश्चात गुरु की अरदास में सम्मिलित होकर निहाल हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेक कर सबके कल्याण की मंगल कामना की।
हमेशा की तरह आज भी सि6ख समाज का अटूट प्रेम और आशीर्वाyद मुझे मिला। मुझे अपने परिवार का हिस्सा समझने और अपार प्रेम व आशीर्वाद देने के लिए समस्त सिख समाज के लोगों का हृदय से आभारी रहूँगा।