त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री बने माणिक साहा, 6 साल पहले कांग्रेस छोड़ थामा था भाजपा का दामन

 

सरकार में मंत्री राम प्रसाद पॉल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, इसको लेकर विधायकों के बीच हंगामा खड़ा हो गया. पॉल ने वहां कुछ कुर्सियां भी तोड़ीं और बाद में यह मामला शांत हो पाया

अगरतला :-माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए सीएम के तौर पर शपथ ली है। वह राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें बिप्लव देव के इस्तीफे का बाद भाजपा ने यह जिम्मेदारी सौंपी है। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने चमचमाते दरबार हॉल में एक सादे समारोह में साहा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। साहा ने अकेले ही शपथ ली क्योंकि मुख्यमंत्री के अचानक बदलने के बाद विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर कथित असंतोष के कारण पार्टी ने अभी तक उनके कैबिनेट सदस्यों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है.भाजपा ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री बनाया है। मालूम हो कि पूर्वोत्तर राज्य में 2018 में वाम मोर्चे के 25 साल के शासन को समाप्त कर भाजपा के सत्ता में आने के बाद देब को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था.डॉ साहा राज्यसभा सांसद और राज्य में पार्टी के प्रमुख हैं। यहां अगले साल मार्च में विधानसभा चुनाव होना है। डेंटल सर्जरी के प्रोफेसर डॉ साहा से पूर्वोत्तर राज्य में बहुकोणीय मुकाबले के बीच विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत की ओर ले जाने की उम्मीद की जाएगी, जहां तृणमूल कांग्रेस भी एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है।

2016 में कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए साहा

माण‍िक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। मुख्यधारा की राजनीति में आने से पहले वह हापनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाया करते थे। साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्हें 2020 में पार्टी प्रमुख बनाया गया और इस साल मार्च में राज्यसभा के लिए चुने गए। साहा ने खुद को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कहा कि मैं पार्टी का एक आम कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा.