झारखंड
कांग्रेस के तीन निलंबित विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की गिरफ्तारी के बाद इस कांड में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सीआईडी कोलकाता की जांच में यह बात सामने आयी है कि 30 जुलाई को विधायक इरफान अंसारी अपने सहायक कुमार प्रतीक के साथ कोलकाता के लालबाजार स्थित व्यवसायी के कार्यालय गए थे।यहीं पर महेंद्र अग्रवाल ने उन्हें 49 लाख रुपये दिए थे। इसके पहले सभी सदर स्ट्रीट के एक होटल में 3.06 मिनट पर पहुंचे थे, इसके बाद सभी वहां से 3.14 मिनट में निकल गए थे।
होटल के कर्मी ने अपने बयान में बताया है कि विधायकों ने अपने वीवीआईपी होने की बात कही थी, यही वजह थी कि उनके कमरे में आने की इंट्री नहीं की गई थी। उधर, मंगलवार को सीआईडी कोलकाता के आईजी-1 प्रणव कुमार के नेतृत्व में सीआईडी की टीम ने लालाबाजार के बीकानेर बिल्डिंग में शेयर ट्रेडिंग से जुड़े कारोबारी महेंद्र अग्रवाल के कोस्मोपालिटन कोमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर में छापा मारा। छापेमारी के बाद पुलिस को मौके से 3.34 लाख रुपये व चांदी के 250 सिक्के मिले। जानकारी के मुताबिक, महेंद्र अग्रवाल का शेयर ट्रेडिंग का कारोबार है। संदेह जताया जा रहा है कि शेयर ट्रेडिंग की आड़ में वह हवाला का कारोबार करते हैं। सीआईडी की छापेमारी के दौरान महेंद्र मौके से गायब थे, ऐसे में सीआईडी ने इस मामले में तलाश तेज कर दी है।
कौन है सिद्धार्थ मजूमदार
कोलकाता सीआईडी की जांच में सिद्धार्थ मजूमदार का भी नाम सामने आया है। एजेंसियां यह पड़ताल कर रही हैं कि विधायकों को 29 जुलाई को कोलकाता से गुवाहाटी ले जाने वाला सिद्धार्थ कौन है। सिद्धार्थ ने ही 20 जुलाई को भी विधायकों की मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा से करवाया था। सीआईडी सिद्धार्थ की तलाश कर रही है।
