बज्जिका के साहित्यकारों की भूमिका और सरकार से अपेक्षाएँ, साहित्य रबीन्द्र कुमार रतन ने कहा सांस्कृतिक धरोहर और विकास की दिशा

बज्जिका ही सुने, बज्जिका को ही पढ़े,बज्जिका में ही लिखे और अब होने वाले जन गणना में अपनी मातृ भाषा बज्जिका ही लिखवाबें तभी बज्जिका…

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