*सावधान! भारत में भी आ सकता है तुर्की-सीरिया जैसे भूकंप, IIT कानपुर साइंटिस्ट की स्टडी में खुलासा*
*कानपुर :* तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दी है अकेले तुर्की में भूकंप ने अबतक करीब 21 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है. लोगों का शव मलबे से निकाले जा रहे है. अचानक आए भूकंप ने एक झटके में लोगों को मौत के मुंह में समा दिया है और कई परिवारों को एक साथ खत्म कर दिया है. अभी भी हजारों लोग अस्पतालों में भर्ती है जहां वे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है. कईयों ने अपनों को खोया. बता दें यह भूकंप तुर्की में 6 फरवरी को मौत का मंजर लेकर आया था. अब आशंका जताई जा रही है कि इन दो देशों (तुर्की-सीरिया) में आए खतरनाक भूकंप जैसे झटके भारत में भी आ सकते है.
तुर्की में भूंकप के बाद मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा
*गंगा के मैदानी क्षेत्रों को अधिक खतरा*
रिपोर्ट्स के मुताबिक, IIT कानपुर के साइंटिस्ट ने अपनी स्टडी के बाद यह जानकारी दी है कि जिसमें बताया गया है कि तुर्की-सीरिया जैसे भूकंप भारत में आने की आशंका है. साइंटिस्ट प्रोफेसर जावेद मलिक ने बताया है कि हिमालयन रेंज काफी वल्नरेबल है और इसका सबसे अधिक खतरा गंगा के मैदानी क्षेत्रों को होगा.
अंडमान निकोबार या हिमालयन जोन होगा भूकंप का केंद्र
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में अर्थ साइंस विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. जावेद मलिक ने आशंका जताते हुए बताया है कि तुर्की और सीरिया की तरह भारत में भी भूकंप के तेज झटके आ सकते है. उन्होंने बताया कि ऐसा अगले एक-दो साल या उसके पहले भी संभव है. भूकंप का केंद्र अंडमान निकोबार या हिमालयन जोन होगा. इसलिए सवधानी बरतने की अधिक जरूरत है. बता दें, साइंटिस्ट प्रोफेसर जावेद मलिक काफी लंबे समय से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों कच्छ, अंडमान और उत्तराखंड धरती के बदलावों का अध्ययन कर रहे हैं.
*तुर्की भूकंप का असर*
बचाव की तैयारियां अभी से शुरू कर देनी चाहिए- साइंटिस्ट
प्रोफेसर जवेद मलिक ने कहा है कि पड़ोसी देश नेपाल में अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो इसका असर उत्तर प्रदेश तक दिख सकता है. साल 1803 में नेपाल में भूकंप आया था जिसका असर उत्तरी भारत के मथुरा में दिखाई दिया था. इसका अंग्रेजों ने भी रिकॉर्ड रखा था. ऐसे में हर किसी को इसे लेकर सचेत रहने की जरूरत है. मलिक ने कहा है कि नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में 1934 में नेपाल और बिहार में भूकंप आया था जिसका असर दूर तक देखने को मिला था. वहीं 1934 में आए भूकंप की तीव्रता 8 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था. जिस क्षेत्र में 500-600 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया, वहां कोई बड़ा भूकंप आने की पूरी आशंका है. हालांकि इसका समय और तारीख नहीं बताई जा सकती है लेकिन लोगों को सतर्क रहने का समय आ गया है. और हमें इस सभी से बचाव की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल आए इन भूकंपों को हमें खतरे की शुरुआती चेतावनी मान लेना चाहिए.