
आदर्श विद्या निकेतन मंदिर के बच्चो ने लहराया परचम भुली।
भुली डी ब्लॉक स्थित आदर्श विद्या निकेतन
मंदिर के बच्चो ने दसवीं के परीक्षा में अपनी
प्रतिभा से परचम लहराया।
विद्यालय से 244 छात्रों ने दसवीं की परीक्षा दी
जिसमे 176 छात्रों ने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण
हुए। गुरुवार को विद्यालय परिसर में सम्मान समारोह आयोजित कर प्रथम 5 छात्रों को
सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर छात्रों को मोमेंटो भेंट किया।
गया। एक सादे कार्यक्रम में छात्रों को सम्मानित किया गया।
जिसमें बतौर अतिथि भगीरथ सिंह व विधायक प्रतिनिधि मनोज कुमार गुप्ता ने छात्रों को
मोमेंटो भेंट कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सम्मान पाने वालों में विक्रम सिंह 476, अनिशा कुमारी 455, समीर अंसारी 453, दिलशाद वर्माकशिश कुमारी 434 अंक प्राप्त शामिल
थे। जिन्होंने बेहतर प्रदर्शन कर विद्यालय व अपने अभिभावकों का नाम रौशन किया।
इस अवसर पर प्रभारी प्रधानाध्यापक सरोज कुमारी ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की
व विद्यालय के सभी शिक्षकों के प्रति आभार
प्रकट किया। बतौर अतिथि मनोज कुमार गुप्ता ने कहा की 244 छात्रों में 176 बच्चो ने प्रथम
श्रेणी से उत्तीर्ण हुए वही 60 बच्चे द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण ।
विद्यालय के लिए यह गौरव का क्षण है।
परिणाम और बेहतर किया जा सकता है इसके लिए छात्रों को और अधिक मेहनत करने की जरूरत है।
ताकि आगामी सत्र में बच्चे और बेहतर प्रदर्शन
करें। विद्यालय में प्रथम स्थान लाने वाले छात्र विक्रम सिंह ने कहा कि यह शिक्षकों व माता
पिता के परिश्रम का फल है। शिक्षकों के मार्गदर्शन के बिना यह सम्भव नही होता।
कभी गणित में 19 फीसदी अंक लाने पर
शिक्षकों ने हौसला दिया और आज 95 फीसदी
से ज्यादा अंक उसी का परिणाम है।
अनिशा कुमारी ने भी अपने सफलता के डॉयचे माता पिता व शिक्षकों को श्रेय दिया।
भविष्य में वाणिज्य विषय लेकर सीए बनने की इच्छा व्यक्त की।
समीर अंसारी ने अपने सफलता के लिए माता पिता के मेहनत व शिक्षकों का मार्गदर्शन
बताया। समीर अंसारी नर कहा कि आज जो
भी अंक आया है उससे आगे और मेहनत करने की इच्छा प्रबल हुई है।
माता ऑडिट ने कड़ी मेहनत कर पढ़ाया । विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल व अनुभवी शिक्षकों ने मार्गदर्शन किया।
जिसका नतीजा है कि हमेंयः सफलता मिली। मौके पर सुमित कुमार, मनमोहन गुप्ता, धीरेंद्र कुमार यादव, स्वेता कुमारी, रवि कुमार, अमरनाथ चटर्जी, सुधा कुमारी आदि मौजूद थे।