अगर आपने 12th Fail फिल्म देख ली है तो बखूबी यह कह सकते हैं कि इसमें बताई गई IPS मनोज शर्मा की स्टोरी दिल से लेकर दिमाक तक उतर जाती है और अपनी लक्ष्य को पाने के लिए बड़े से बड़ा पहाड़ भी पार कर जाने की प्रेरणा देती है।
मनोज शर्मा के जीवन में साथी दोस्त अनुराग पाठक का अद्वितीय योगदान 12TH FAIL
और इसी में से एक है जीवन में अच्छे मित्रों का महत्व! गरीबी, संघर्ष, मुसीबतों से जूझते हुए मनोज ने तो सफलता पा ली, लेकिन एक चीज़ जिसे हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते वह है हर मोड़ पर उनका साथ देने वाले उनके दोस्त ‘प्रीतम पांडे’, असलियत में जिनका नाम है- अनुराग पाठक। जी हाँ, वही लेखक अनुराग पाठक जिन्होंने मनोज और श्रद्धा की कहानी को अपने कलम से किताब के रूप में लिखा और फिर उसपर फिल्म बन सकी; और यह अद्भुत कहानी लोगों तक पहुँच सकी।
ग्वालियर स्टेशन से दिल्ली तक: ‘प्रीतम पांडे’ का मनोज के साथ सफर 12TH FAIL
ग्वालियर स्टेशन पर मिले मनोज शर्मा, अनुराग के लिए बिलकुल अनजान थे। इसके बावजूद वह मनोज को अपने साथ दिल्ली लेकर आए, उनकी हर तरह से मदद की, संघर्ष के हर मोड़ पर उनके साथ मौजूद रहे। कभी प्रेम, तो कभी गुस्से से बताई-समझाई अनुराग की हर बात, हर सीख ने मनोज को उनके लक्ष्य की ओर थोड़ा और बढ़ने में मदद की।
और फिर जिस तरीके से अनुराग पाठक ने अपने दोस्त की कहानी को लिखा, उनके जीवन की कठिनाइयों का वर्णन किया, उसने हर पाठक और हर दर्शक के दिल में घर कर लिया। हम यही कहेंगे कि खुशनसीब हैं मनोज शर्मा जो उनको अनुराग जैसा मित्र मिला! इतने सालों की खट्टी-मीठी दोस्ती के बाद आज मनोज उनसे मिलकर यही कहते हैं- “अनुराग से मिलना मेरे और श्रद्धा के लिए अपने अतीत और वर्तमान दोनों को जीना है।”
शुक्रिया, दोस्तों को!
क्या आपके जीवन में भी ऐसा कोई दोस्त है जो हर घड़ी, हर परिस्थिति में आपका साथ देता है। अगर हाँ, तो उन्हें टैग करके अपने अंदाज़ में शुक्रिया ज़रूर कहिए; क्योंकि वैसे तो हम अपने दिल की हर बात उस दोस्त को बताते हैं, लेकिन यह नहीं कह पाते कि वो हमारे लिए कितने अनमोल हैं।