Zobox Success Story :इस व्यक्ति ने पुराने स्मार्टफोन्स से 50 करोड़ का व्यापार बनाया, जानें इस कहानी को पूरी तरह से।
हमारा देश भारत, foundation का हब रहा है क्योंकि रोजाना नए स्टार्टअप भारत में शुरू हो रहे हैं Zobox Success Story
Zobox Success Story: हमारा देश भारत, foundation का हब रहा है क्योंकि रोजाना नए स्टार्टअप भारत में शुरू हो रहे हैं और कई स्टार्टअप कि वैल्यू एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाती है तो वह Startup Unicorn बन जाता हैं। जैसे Physics Wallah की वैल्यू 8000 Crore की है यह एक यूनिकॉर्न है|Neeraj Chopra ने अपनी old phone से करोडो कि company बना डाली
Contents:
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100 से ज्यादा Unicorn Startup
- “नीरज चोपड़ा को भारत भारत देश लौटना
- “Zobox का एक यूनिकॉर्न बनने का सफर”
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लॉकडाउन में Zobox कंपनी की शुरुआत :
100 से ज्यादा Unicorn Startup:Zobox Success Story
सूत्रों के अनुसार इस समय भारत में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) है तो इस चीज से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में किस रफ्तार से आज के समय में Startups की Growth बढ़ रही हैं। इसलिए आज हम आपके लिए स्टार्टअप की दुनिया से एक सफलता की स्टोरी लेकर आए हैं, जिसमें इस बिजनेस के फाउंडर ने OLD मोबाइल फोन की मदद से करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है।
हम बताने जा रहे हैं नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के बारे मै जिन्होंने Zobox नाम के स्टार्टअप को शुरू किया था और आज यह स्टार्टअप करोड़ो का बन गया है। आज के इस आर्टिकल में आप Zobox Success Story के बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे कि नीरज चोपड़ा ने कैसे अपने इस बिजनेस को करोड़ों का बना डाला है।
नीरज चोपड़ा को भारत भारत देश लौटना:Zobox Success Story
नीरज चोपड़ा का जन्म भारत के दिल्ली शहर में हुआ था, इनके दादाजी विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए थे और पाकिस्तान में ही अपना सब कुछ छोड़कर उन्होंने यहां से अपने परिवार का सब कुछ नया बनाया था। नीरज के पिता हांगकांग (Hongkong) में एक्सपोर्ट इंपोर्ट का बिजनेस करते थे और इसी कारण नीरज जब 18 साल के हुए तो साल 2000 में वह अपने पिता के पास हांगकांग चले गए।
हांगकांग चले जाने के बाद के बाद नीरज ने अपनी पूरी पढ़ाई हांगकांग में ही पूरी की, और वहां 12 वर्षो तक अपने पिता का एक्सपोर्ट का बिजनेस भी संभाला। सब कुछ ठीक चल रहा था पर अचानक ही साल 2012 में नीरज को भारत देश लौटना पड़ा क्योंकि उनके चाचा जी का निधन हो गया था।
Zobox का एक यूनिकॉर्न बनने का सफर” Zobox Success Story
नीरज ने यहा आकर देखा कि भारत में पावर बैंक की डिमांड बहुत ज्यादा है लेकिन इसका अभी तक ज्यादा प्रोडक्शन होना शुरू नही हुआ हैं। फ़िर् नीरज ने हांगकांग से पावर बैंक को इंडिया में लाना शुरू कर दिया, फिर उन्होंने यहां पे 5 सालों तक पावरबैंक और इलेक्ट्रॉनिक्स का कारोबार किया और यहां से अनुभब् लेने के बाद साल 2020 में उन्होंनेअपनी खुद की कंपनी बनाने का निर्णय लिया और यहीं से उनके Zobox स्टार्टअप की शुरुआत होती है।
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लॉकडाउन में Zobox कंपनी की शुरुआत :
नीरज जब Zobox कंपनी की शुरुआत कर रहे थे, जैसे ही जोबोक्स कंपनी की शुरुआत हुई बैसे ही भारत में लॉकडाउन लग गया था और इसी कारण उन्होंने अपने इस बिजनेस प्लान को थोड़े समय बाद दिसंबर 2020 में शुरू कर दिया। नीरज ने Zobox कंपनी में पुराने मोबाइलों को Refurnish करके बेचना शुरू किया, यहां पर नीरज पुराने मोबाइल को खरीद लेते थे और उन्हें सही करके दोबारा से बेचते थे। आपको बता दें कि यह बिजनेस शुरू करते ही उनका यह बिजनेस तेजी से आगे बढ़ने लग पड़ा था।
अगर हम zobox कम्पनी के turn ओवेर् कि बात करे तो इस समय Zobox कंपनी का टर्नओवर 50 करोड रुपए तक पहुंच गया है, जिसके कारण यह कंपनी करोड़ों की बन चुकी है।
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